बुधवार, 24 दिसंबर 2008

निगमायुक्त ने ठेकेदारों की समस्यायें सुनी एम.बी. भरने तथा बिल बनाने के लिये कलेक्टर रेट पर रखे जायेंगे सब-इंजीनियर

निगमायुक्त ने ठेकेदारों की समस्यायें सुनी एम.बी. भरने तथा बिल बनाने के लिये कलेक्टर रेट पर रखे जायेंगे सब-इंजीनियर

ग्वालियर दिनांक 23.12.2008: नगर निगम द्वारा बनाई गई सड़कों में डाम्बरीकरण के दौरान जिन सड़कों में जांच में विटूमिन कम आया है। ऐसी सड़कों के सब-इंजीनियरों के दो-दो वेतन वृध्दियां रोकने के प्रस्ताव तत्काल प्रस्ताव किये जाये। उक्ताशय के निर्देश निगमायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा द्वारा आज निगम के ठेकेदारों तथा इंजीनियरों द्वारा शहर में चल रहे निर्माण कार्यों में गति लाने के लिये बुलाई गई बैठक में दिये गये।

       विभिन्न ठेकेदारों द्वारा निगमायुक्त को अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया। सर्वाधिक ठेकेदारों की समस्या समय पर बिलों का नहीं बनना पाया गया। निगमायुक्त द्वारा इस समस्या के निराकरण के लिये एक माह में 29 सब-इंजीनियरों की नियुक्ति का कार्य तेजी से करने के निर्देश दिये तथा तात्कालिक स्थितियों में विभिन्न ठेकेदारों के माप पुस्तिकाओं को भरवाने तथा बिल बनाने के लिये कलेक्टर दर पर 10 सब-इंजीनियर 29 दिवस हेतु रखने के निर्देश अधीक्षण्ायंत्री चतुर सिंह यादव को दिये।

       निगमायुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि निगम के सहायकयंत्री तथा उपयंत्री 3 दिन बिल्डिंग परमीशन का कार्य देखेंगे तथा तीन दिन निर्माण  संबंधी कार्य करेंगे। उक्त निर्देश ठेकेदारों द्वारा निगमायुक्त से की गई इस शिकायत के निराकरण हेतु दिये गये कि निगम के उपयंत्री भवन निर्माण स्वीकृति में ज्यादा समय देते हैं। निर्माण कार्यों के बिल तथा माप पुस्तिकायें भरने में कम समय देते हैं।

       निगमायुक्त द्वारा बैठक के दौरान अधीक्षणयंत्री को यह भी निर्देश दिये गये कि 7 दिवस के अंदर ऐसे सभी प्रकरण उनके समक्ष प्रस्तुत किये जायें जिनमें तीन वर्ष के अधिक की गारण्टी की अवधि पूर्ण हो चुकी है तथा पुरानी ऐसी स्वीकृतियां जिनमें ठेकेदारों की डिपोजिट राशि निगम के पास रखी है। ऐसी सभी डिपोजिट राशि की एफ.डी. आदि ठेकेदारों को 15 दिवस के अंदर वापिस कराई जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि 01 जनवरी 2007 के पूर्व की सभी फाईलों की यथास्थिति रिपोर्ट एक माह में प्रस्तुत की जाये। उन्होंने अधीक्षणयत्री को यह भी निर्देशित किया गया कि वे प्रत्येक 15 दिन में ठेकेदारों के साथ बैठक करेंगे तथा जो फाईलेें जांच हो चुकी है। माप पुस्तिकायें तैयार हो चुकी हैं ऐसी सभी फाईलों में आर.ए.डी. कराने का कार्य तत्काल पूर्ण किया जाये। ठेकेदारों के भुगतान की मांग पर निगमायुक्त द्वारा आश्वासन दिया गया कि नगर निगम को शासन से 9 करोड़ रू. का भुगतान प्राप्त होना है जो किसी भी दिन प्राप्त हो सकता है। भुगतान प्राप्त होते ही सभी ठेकेदारों का भुगतान कर दिया जावेगा।

       निगमायुक्त द्वारा 30.05.2007 से 08.09.2008 तक जारी किये गये 2 करोड़ 3 लाख 50 हजार 65 रू. के विभिन्न स्वीकृत कार्यों को जनवरी माह में हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश ठेकेदारों तथा इंजीनियरों को दिये, इन कार्यों में शासकीय प्रेस से सरकारी बाजार बाला बाई का बाजार, ग्रीन गार्डन एवं गोकुल अपार्टमेंट, तिलकनगर से सिंधी कॉलोनी, नागदेवता मंदिर से एस.पी. ऑफिस, दौलतगंज तिराहे से हुजरात चौराहे, बिरलानगर पोस्ट ऑफिस से जती की लाईन, सुभाषनगर वार्ड 12, अल्पना टॉकीज से कम्पनी बाग रोड, सारिका नगर में डब्ल्यू.बी.एम., पटेल धर्मशाला सब्जी मण्डी गोलम्बर, नेहरू कॉलोनी, चमड़ामिल से कांचमिल तक, खरगेश्वर रोड इन्द्रानगर, राजपायगा रोड, किलागेट से हजीरा, किलागेट से सेवानगर सड़क के डाम्बरीकरण का कार्य तत्काल प्रांरभ कर जनवरी माह में पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।

       निगमायुक्त द्वारा हुडकों की सड़कों पर फिलहाल उपलब्ध रिक्त स्थान पर तत्काल डाम्बरीकरण करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रांरभ की जाये उससे पहले जितना स्थान उपलब्ध है उस पर डाम्बरीकरण पूर्ण कर दिया जाये। निगमायुक्त द्वारा विभिन्न पार्षदों के मौलिक कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश ठेकेदारों तथा इंजीनियरों को दिये। उन्होंने कहा कि जो सब-इंजीनियर बिल नहीं बनायेंगे, उनके वार्षिक वेतनवृध्दि रोकने की कार्यवाही की जायेगी तथा आकस्मिक स्थितियों में मौखिक निर्देशों पर कराये गये कार्यों का भी भुगतान कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त कर किये जाने के निर्देश दिये गये।

       निगमायुक्त ने ठेकेदारों को निर्देशित किया कि प्रत्येक माह में वे स्वयं एक दिन ठेकेदारों की बैठक लेकर उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगे। निगमायुक्त कल प्रात: हुडको योजनांतर्गत बन रही सड़कों का निरीक्षण करेंगे।

 

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