गुरुवार, 26 मार्च 2009

नादोत्सव के साथ पुराने वर्ष की विदाई होगी आज

नादोत्सव के साथ पुराने वर्ष की विदाई होगी आज

ग्वालियर दिनांक 25.03.2009- नगर निगम ग्वालियर आज 26 मार्च से आयोजित तीन दिवसीय नव सवंत्सर महोत्सव में गुढ़ी पड़वा पर दीप प्रज्जवलन करने के लिये भारत के जाने-माने धु्रपद गायक सईउद्दीन डागर आज प्रात: ग्वालियर उपस्थित हुये। वे 27 मार्च को प्रात: 04.30 बजे नगर निगम द्वारा आयोजित नव सवंत्सर में नये वर्ष के स्वागत का दीपक जलायेंगे।

Pt. Vikas Kashalkar.       श्री डागर के साथ पूना के शास्त्रीय ख्याल गायक विकास कसालकर भी अपने दल के साथ आज ग्वालियर उपस्थित हुये। विकास कसालकर कल सायं बीते वर्ष की विदाई के नादोत्सव में रात्रि 8 बजे से फूलबाग स्थित जलबिहार पर ख्याल गायन करेंगे। पूना निवासी पं. विकास कसालकर ग्वालियर घराने के जाने-माने ख्याल गायक हैं वे पं. एडवोकेट एन.डी. कसालकर के पुत्र हैं जो भारत के जाने-माने संगीतज्ञ और लेखक थे उन्होंने अपनी हिन्दुस्तान क्लासिकल प्रांरभिक संगीत शिक्षा अपने पिता से प्राप्त की तथा बाद में उन्हें ग्वालियर शैली की शिक्षा पं. गजाननराव जोशी से प्राप्त की। पं. विकास कसालकर द्वारा संगीताचार्य की शिक्षा अखिल भारतीय गंदर्भ महाविद्यालय बम्बई से प्राप्त की, इस डिग्री के लिये उन्हें 3 अवार्ड प्राप्त हुये। म्युजिक में पी.एच.ई. करने वाले पं. विकास कसालकर द्वारा क्रियेटिविटी इन म्यूजिक पर अपना श्रोत प्रबंध लिखा गया जिसमें संगीत के नये प्रयोगों पर विशेष कार्य किया गया। उनकी सुरमधुर आवाज और तान श्रोताओं को मन्त्रमुक्त कर देती है। पं. विकास कसालकर द्वारा भारत के विभिन्न शहरों में अनेक प्रस्तुतियां दी गई। वे आकाशवाणी के भी प्रथम श्रेणी गायकों की श्रेणी में आते हैं तथा दूरदर्शन पर भी उनके द्वारा अनेक प्रस्तुतियां दी गई और ऑल इण्डिया रेडियों पर उनका कार्यक्रम मल्हार के प्रकार अनेक बार प्रसारित किया गया। इसके अलावा कल्यान के प्रकार भी इनका प्रसिध्द कार्यक्रम है। वे सगीत निदेशक में आजकल प्रमुख रूप से जुड़े हुये हैं हाल ही में उनके द्वारा दो नृत्य नाटिकाओं का म्युजिक तैयार किया गया। जिसमें से एक भगवान महावीर तथा दूसरा नेमी नाथ पर है उनके द्वारा संगीत पर अनेक लेख लिखे गये तथा पूना विश्वविद्यालय ललित कला केन्द्र में वे नियमित समभाषण देते है। उनके द्वारा 1997 में ललितकला केन्द्र पूना में रियाज पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। उनके मार्गदर्शन में अनेक विद्यार्थी संगीत शिक्षा पर शोध कर रहे हैं। उनके द्वारा जारी की गई प्रमुख कैसेटों में मियां की तोड़ी, ललिता गौरी, सबानी, हेमकल्याण, रहेसा कनाडा, केदारनाथ, दरबारी कनाडा प्रमुख हैं।

कल सायं 6.00 बजे विदाई नादोत्सव का कार्यक्रम महिलाओं की काव्य गोष्ठी से प्रांरभ होगा जिसमें सुश्री डॉ. ममता शर्मा, सुबोध चतुर्वेदी, मुक्ता सिकरवार, डॉ. सुनीता निगम, कुन्दा जोगलेकर, रानी अग्रवाल, शारदा भटेले, कव्य पाठ करेंगी तथा 07.15 मिनट पर शास्त्रीय गायन की अभिनव प्रस्तुति दी जावेगी जिसमें डॉ. ईश्वरचन्द्र करकरे एवं साधना गोरे, लोकेन्द्र सिंह एवं श्रीमती रागेश्री पुरन्दरे, अनंत महाजनी एवं कु. ऋतु मसूरकर का गायन होगा। तबले पर संगीत विकास विपट द्वारा एवं हरमोनियम पर संजय देवले संगीत करेंगे। 

दिनांक 27 मार्च 2009 को प्रात: 04.40 मिनट पर नव सवंत्सर स्वागत के प्रमुख कार्यक्रमों प्रांरभ होंगे जिसमें विभिन्न धर्मों की प्रार्थना सभायें 05.07 मिनट से 05.40 मिनट तक आयोजित होगीं। 5.40 मिनट से पदमजा समूह द्वारा जलविहार पर भरत नाटयम की प्रस्तुति दी जावेगी तथा 05.48 मिनट से लखनऊ के हिमांशू विश्वरूप तथा सुनील पावगी द्वारा वायलेन तथा गिटार की जुगलबंदी की जावेगी। 06.15 मिनट पर मन्त्रोचार के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्यदान किया जावेगा।

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