रविवार, 26 अप्रैल 2009

यशोधरा ने सांसद निधि से एक पैसा भी नहीं किया खर्च, लोकसभा मे दो साल में पूछे सिर्फ छह सवाल

यशोधरा ने सांसद निधि से एक पैसा भी नहीं किया खर्च, लोकसभा मे दो साल में पूछे सिर्फ छह सवाल

 कांग्रेस नेताओं ने जनता से पूछा कि क्या निष्क्रिय जनप्रतिनिधि को फिर मौका देंगे

ग्वालियर 25 अप्रैल । ग्वालियर अंचल के विकास एवं वहां की ब्रनियारी समस्याओं के निराकरण के प्रति भाजपा कितनी चिंतित एवं संवेदनशील है, इसका अनुमान क्षेत्रीय भाजपा सांसद श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया के दो वर्षीय संसदीय कार्यकाल की उपलब्धियों के संबंध में लोकसभा कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी देखकर लगाया जा सकता है । यह कांग्रेस कार्ड जाहिर करता है कि वे अपने संसदीय दायित्व एवं ग्वालियर क्षेत्र के विकास के प्रति कतई संवेदनशील नहीं हैं ।

कांग्रेस नेता राजेश कटारे, राजकिशोर धनतौलिया, मनीष श्रीवास्तव, धनपाल जाटव, श्रीमती माया कुशवाह, नवीन उपाध्याय, राकेश गुप्ता, धनपाल राजौरिया, विशन पारछे, मनोज चौरसिया आदि ने संयुक्त वक्तव्य में लोकसभा में उपलब्ध अधिकाधिक रिकार्ड के आधार पर खुलासा किया कि दो साल के कार्यकाल में भाजपा सांसद श्रीमती यशोधरा राजे ने सिर्फ छ: सवाल पूछे उन्होंने सांसद चुने जाने के बाद से सांसद विकास निधि से कोई विकास कार्य नहीं कराया, जबकि सांसद निधि से हर वर्ष दो करोड़ तक के विकास कार्य संभव थे । श्रीमती यशोधरा राजे चाहतीं तो चार करोड़ रूपये का इस्तेमाल ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने में कर सकती थीं ।

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि सांसद निधि खर्च के ब्यौरे में सड़क, गली व फुटपाथ निर्माण, नाली, बिजली, पार्क, पानी, सीवर, स्कूल, लाइब्रेरी, भवन निर्माण, श्मशान जीर्णोंद्वार आदि मदें शामिल हैं लेकिन सांसद श्रीमती यशोधरा राजे द्वारा अपनी सांसद निधि से एक भी मद में एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया । इसके उलट अन्य अधिकांश सांसदों ने अपनी सांसद निधि से अपने क्षेत्र की जनता के विकास की खातिर भरपूर पैसा खर्च किया ।

            कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा सचिवालय द्वारा दी गई जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि सांसद श्रीमंत यशोधरा राजे संसदीय समिति की बैठकों के प्रति भी बेहद उदासीन एवं निष्क्रिय रहीं । श्रीमती यशोधरा राजे 30 अगस्त 2007 से 4 अगस्त 2008 तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संसदीय समिति की सदस्य रहीं । इस समिति की एक वर्ष के भीतर 16 बैठकें हुईं जिसमें से श्रीमती यशोधरा राजे सिर्फ 4 बैठकों ही मौजूद रहीं । उन्होंने बताया कि श्रीमती यशोधरा राजे ने सांसद के कार्यकाल में महिला एवं बाल कल्याण, बचत, इंफास्ट्रक्चर, पर्यावरण, जल, स्वास्थ्य, स्वच्छता, आंतरिक सुरक्षा, रक्षा, विदेश नीति से संबंधित मसलों पर एक भी सवाल नहीं पूछा । श्रीमती राजे ने सामाजिक कल्याण से जुड़े तीन एवं आर्थिक मसलों से जुड़े दो सवाल पूंछकर ही अपने संसदीय दायित्व की इतिश्री पूर्ण कर ली। कांग्रेस नेताओं ने क्षोम व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले दो साल के दरम्यान ग्वालियर की जनता पर कई विपदायें आईं । सरकार और प्रशासन से संबंधित कई विषमतांऐं भी आईं लेकिन ग्वालियर की सांसद महोदया ने अपना मुंह खोलना भी उचित नहीं समझा । उन्हाेंने कहा कि दो साल में निष्क्रियता, उपेक्षा एवं यथास्थितिवादी रवैए का परिचय देने वाली श्रीमती यशोधरा राजे अब अपने दूसरे कार्यकाल के लिए जनादेश मांगा रही हैं । कांग्रेस नेताओं ने ग्वालियर वासियों से आत्ममंथन करने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें यह सोचना है कि वे अपने दायित्वों के प्रति उदासीन रहने वाल एक सांसद का दोबारा मौका दें अथवा प्रतिद्वंदी दल के संवेदनशील प्रवृति के जनसेवी जुझारू प्रत्याशी को विजयी बनाकर लोकसभा में

पहुंचाएं ।

 

कोई टिप्पणी नहीं: