शुक्रवार, 22 मई 2009

सुशासन है सर्वोच्च प्राथमिकता –मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

सुशासन है सर्वोच्च प्राथमिकता मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

ट्रांसफॉर्मर का तेल तथा बिजली का तार चुराने वालों पर होगी पुलिस की सख्ती

हमें खेद है मुरैना में चल रही भरी बिजली कटोती (18 घण्‍टे और शेष समय वोल्‍टेज फ्लक्‍चुयेशन के कारण यह समाचार समय पर प्रकाशित नहीं किये जा सके )

 

ग्वालियर 21 मई 09। पुतली घर के पास विद्युत विभाग के भण्डार गृह में दो दिवस पूर्व लगी आग से भारी क्षति हुई है। भण्डारगृह में रखे पुराने व मरम्मत के लिये लाये गये ट्रांसफॉर्मर भारी संख्या में जलकर राख हो गये हैं। भण्डार गृह में रखे सभी नये ट्रांसफार्मर सुरक्षित हैं तथा ग्वालियर -चंबल संभाग में विद्युत आपूर्ति एवं ट्रासफार्मर बदलने का काम बिना किसी पेरशानी के सुचारू रूप से चलता रहेगा। यह जानकारी संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह ने आज यहां 'परख' टेली कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पूछे जाने पर दी गई। कॉन्फ्रेस में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर चंबल संभाग में ट्रांसफार्मरों से तेल चोरी तथा विद्युत लाइनों के तार काटने  की घटनाओं पर रोक लगाने की हिदायत दी। इस हिदायत का सख्ती से पालन करने का आश्वासन देते हुए पुलिस महानिरीक्षक श्री देवेन्द्र सिंह सेंगर ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि विद्युत उपकरणों को क्षति पहुँचाने वाले, ट्रांसफार्मरों से तेल चुराने तथा विद्युत लाइनों का तार काटने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्यवाही करेगी। टेली कॉन्फ्रेसिंग के दौरान संभागायुक्त कक्ष मोती महल में पुलिस महानिरीक्षक, विद्युत तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंताओं सहित संबंधित  संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

        मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज टेली कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के संभाग आयुक्तों और जिला कलेक्टरों से चर्चा कर सूखे की स्थिति और पेयजल संकट की समीक्षा के साथ ही जल संरक्षण और संवर्ध्दन कार्य की जानकारी ली। परख कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस टेली कॉफ्रेंसिंग में श्री चौहान ने विद्युत प्रदाय, गेहूँ उपार्जन एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आगामी खरीफ सीजन की तैयारियों, नामातंरण, बँटवारे और सीमांकन प्रकरणों, आंगनबाड़ियों में पोषण आहार वितरण तथा मौसमी तथा संक्रामक बीमारियों के नियंत्रण एवं रोकथाम की भी समीक्षा की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के कमिश्नरों और कलेक्टरों से कहा कि सुशासन राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। श्री चौहान ने शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रत्येक पात्र व्यक्ति को लाभ दिये जाने में लालफीताशाही की समाप्ति पर जोर दिया। उन्होंने सिटीजन चार्टर के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित कर नामांतरण, बंटवारा, पेंशन प्रकरणों आदि का निराकरण समय-सीमा में करने को कहा। श्री चौहान ने प्रशासन से पारदर्शिता और न्याय की अपेक्षा वाले सार्वजनिक हित के कामों के निष्ठापूर्वक संपादन की जरूरत बतायी। उन्होंने निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और जुए-सट्टे और मादक द्रव्यों पर प्रभावी रोक की भी अपेक्षा की ।

श्री चौहान ने अधिकारियों से जनता और जन-प्रतिनिधियों के लिये सहज उपलब्ध रहने को कहा ताकि परस्पर संवाद और संवेदनशीलता के माध्यम से समस्याओं का प्रभावी निराकरण स्थानीय स्तर पर ही हो सके।

मुख्यमंत्री ने परख कार्यक्रम को प्रबंधन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए कार्यक्रम के लिये समय पर सही जानकारी देने के लिये कहा। श्री चौहान ने कहा कि अब से वे इस कार्यक्रम में नियमित तौर पर भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि परख के मैदानी नोडल अधिकारियों को सक्रिय किया जाये। वरिष्ठ अधिकारी अपने भ्रमण के दौरान जानकारी की सत्यता को परखकर त्रुटि पाए जाने पर नोडल अधिकारी के विरूध्द कार्रवाई करें और यदि अच्छा काम हुआ है तो प्रशंसा करें। श्री चौहान ने जानकारी के आधार पर तत्काल सुधारात्मक उपाय करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर जिला अधिकारी और कलेक्टर भी दोषी माने जायेंगे। श्री चौहान ने संभाग आयुक्तों को निर्देश दिये कि वे अपनी समीक्षा बैठक में परख कार्यक्रम की नियमित समीक्षा करें।       

        प्रारंभ में मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी ने 'परख' कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। श्री साहनी ने प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन निर्विघ्न संपन्न होने के लिये अधिकारियों को बधाई दी। टेली कांफ्रेंसिंग के दौरान संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव/ सचिव और मुख्यमंत्री के सचिव श्री इकबालसिंह बैंस और श्री अनुराग जैन भी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देश

·          प्रदेश के सभी नागरिकों के लिये पेयजल की जरूरी और पर्याप्त व्यवस्था हो।

·          हेंडपंप खराबी की शिकायतों के निराकरण की प्रभावी व्यवस्था हो। खराब हेंडपंप तत्काल सुधारे जायें और जरूरत के मुताबिक हेंडपंप में पाइप बढ़ाकर, मोटर लगाकर या निजी बोरिंग का अधिग्रहण कर पेयजल वितरण सुनिश्चित हो।

·          अन्य उपाय कारगर न होने पर परिवहन के जरिये पेयजल की व्यवस्था करें।

·          बिजली के अभाव में पेयजल योजना बंद नहीं हो। इस संबंध में नगरीय प्रशासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ऊर्जा विभाग समन्वय करें।

·          रोजगार गारंटी योजना के जरिये सभी जिलों में जरूरतमंदों को तत्काल कार्य उपलब्ध कराये। कार्य का इच्छुक व्यक्ति बिना कार्य के न रहे।

·          जलाभिषेक अभियान और हरियाली महोत्सव के अब तक के क्रियान्वयन का प्रभावात्मक मूल्यांकन हो।    

·          मानसून शुरू होने के पहले भूमि की तैयारी, प्रजातियों का चयन, पौधों की जरूरत का आंकलन कर नर्सरियों से समन्वय सुनिश्चित करें।

·          वृक्षारोपण में पौधों की सुरक्षा को सर्वाच्च प्राथमिकता दें।

·          सभी जिले जलाभिषेक और हरियाली महोत्सव की कार्य योजना तैयार कर तत्काल कार्य शुरू करें।

·          ट्रांसफार्मरों के खराब होने की शिकायतों का तत्काल निराकरण हो। विद्युत आपूर्ति के विषय में निरंतर सतर्क रहे।

·          समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के अंतर्गत परिवहन, सुरक्षित भंडारण एवं किसानों को समय पर भुगतान का ध्यान रखा जाये।

·          पहुँचविहीन क्षेत्रों में वर्षा पूर्व सार्वजनिक वितरण प्रणाली सामग्री का भण्डारण करें।

·          राशन दुकान स्तरीय, विकासखण्ड स्तरीय और जिला स्तरीय सतर्कता समितियों का गठन इस माह के अंत तक आवश्यक रूप से करें।

·          खरीफ सीजन के लिये उर्वरकों के अग्रिम भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

·          प्रत्येक विकासखण्ड में एक गांव का चयन कर वहां जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाये।

·          नामांकन, बँटवारे और सीमांकन संबंधी प्रकरणों का निराकरण सिटीजन चार्टर में निर्धारित समय-सीमा में किया जाये।

·          सीमांकन के सभी प्रकरणों का निराकरण वर्षा ऋतु के पूर्व किया जाये।

·          कुपोषण के मामलों पर विशेष ध्यान दें।

·          पहुँचविहीन क्षेत्रों की आंगनबाड़ियों में पोषण आहार वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करे।

·          मानसून शुरू होने के पहले भूमि की तैयारी, प्रजातियों का चयन, पौधों की जरूरत का आंकलन कर नर्सरियों से समन्वय सुनिश्चित करें।

·    वृक्षारोपण में पौधों की सुरक्षा को सर्वाच्च प्राथमिकता दें।

·          सभी जिले जलाभिषेक और हरियाली महोत्सव की कार्य योजना तैयार कर तत्काल कार्य शुरू करें।

·          ट्रांसफार्मरों के खराब होने की शिकायतों का तत्काल निराकरण हो। विद्युत आपूर्ति के विषय में निरंतर सतर्क रहे।

·          समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के अंतर्गत परिवहन, सुरक्षित भंडारण एवं किसानों को समय पर भुगतान का ध्यान रखा जाये।

·          पहुँचविहीन क्षेत्रों में वर्षा पूर्व सार्वजनिक वितरण प्रणाली सामग्री का भण्डारण करें।

·          राशन दुकान स्तरीय, विकासखण्ड स्तरीय और जिला स्तरीय सतर्कता समितियों का गठन इस माह के अंत तक आवश्यक रूप से करें।

·          खरीफ सीजन के लिये उर्वरकों के अग्रिम भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

·          प्रत्येक विकासखण्ड में एक गांव का चयन कर वहां जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाये।

·          नामांकन, बँटवारे और सीमांकन संबंधी प्रकरणों का निराकरण सिटीजन चार्टर में निर्धारित समय-सीमा में किया जाये।

·          सीमांकन के सभी प्रकरणों का निराकरण वर्षा ऋतु के पूर्व किया जाये।

·          कुपोषण के मामलों पर विशेष ध्यान दें।

पहुँचविहीन क्षेत्रों की आंगनबाड़ियों में पोषण आहार वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करे।       .

·          मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की राज्य शासन की प्राथमिकता की पूर्ति के लिये टीकाकरण और संस्थागत प्रसव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

·          डेंगू, मलेरिया, हैजा, स्वाईन फ्लू एवं अन्य मौसमी तथा संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिये तंत्र को सुदृढ़ रखा जाने के साथ ही आकस्मिकता योजना को प्रभावी बनाये।

·          पंचायत सचिवों को नये वेतनमान के अनुरूप भुगतान सुनिश्चित किया जाये।

·          ग्रीष्म अवकाश में सूखाग्रस्त क्षेत्रों की शालाओं में मध्यान्ह भोजन का वितरण कड़ाई से सुनिश्चित करे।

·          औद्योगिक निवेश के लिये चयनित भूमियों के अंतरण के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करे।

·          सड़क निर्माण संबंधी बीओटी प्रोजेक्ट्स में भू-अर्जन के प्रकरणों तथा अतिक्रमण हटाने संबंधी कार्रवाई समय-सीमा में पूरी करें।

·          नवगठित जिलों में रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र की जाये।

·          'स्कूल चलें हम' अभियान में सभी स्तर के जन-प्रतिनिधियों और जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाये।

·          शिक्षण सत्र शुरू होने के पहले संविदा शिक्षकों के चयन, भर्ती और नियुक्ति की प्रक्रियाएँ समय-सारणी बनाकर शीघ्र की जाये।

 

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