बुधवार, 24 जून 2009

तीन माह में बनेगी नयी खनिज नीति, निष्क्रिय लीजधारकों की लीज निरस्‍त होगीं

तीन माह में बनेगी नयी खनिज नीति, निष्क्रिय लीजधारकों की लीज निरस्‍त होगीं

अवैध उत्खनन और परिवहन पर सख्ती से रोक के लिये अभियान चलेगा, निष्क्रिय लीजधारकों की लीज निरस्त होगी, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की खनिज विभाग की समीक्षा

Bhopal:Tuesday, June 23, 2009

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने तीन माह में प्रदेश की नयी खनिज नीति बनाने को कहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य मंत्रालय में खनिज विभाग की समीक्षा करते हुए खनिजों के अवैध उत्खनन और परिवहन की प्रभावी रोकथाम के लिये सख्ती से अभियान चलाने के निर्देश दिये। अभियान में पुलिस और जिला प्रशासन का भी सहयोग लिया जायेगा। समीक्षा बैठक में खनिज राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, खनिज सचिव श्री एस.के. मिश्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री एस.पी.एस. परिहार, श्री अनुराग जैन और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

निष्क्रिय लीजधारकों की लीज निरस्त होगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सभी खदान लीजों की समीक्षा कर निष्क्रिय लीजधारकों की लीज समाप्त करने की कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि परीक्षण के बाद खदान लेकर काम नहीं करने वाले लीजधारकों को चेतावनी-पत्र भेजकर खदान शुरू करवायी जाये और ऐसा नहीं होने पर लीज समाप्त की जाये।

खनिजों के दोहन में स्थानीय क्षमताओं का उपयोग हों

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खनिज और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में वैज्ञानिक उपायों और स्थानीय क्षमताओं के अधिकतम उपयोग की जरूरत रेखांकित की। उन्होंने कोयला आधारित व अन्य सभी प्रकार के खनिज व मीथेन गैस के भण्डारों का राज्य के विकास में उपयोग पर भी जोर दिया।

40 नये खनिज चेक पोस्ट स्वीकृत

मुख्यमंत्री ने हर जिले में विभाग का कार्यालय खोलने और 40 नये खनिज चेक पोस्ट खोलने की स्वीकृति दी। उन्होंने विभागीय अमले में बढ़ोत्तरी के साथ ही अमले को जरूरी वाहन उपलब्ध करवाने पर भी सहमति व्यक्त की।

छतरपुर क्षेत्र में डायमंड पार्क की स्थापना करें

श्री चौहान ने छतरपुर में विश्व के सबसे बड़े हीरा भंडार का पता लगने के बाद क्षेत्र में डायमंड पार्क स्थापित करने के निर्देश दिये। उन्होंने हीरे की कटिंग और पॉलिशिंग का काम भी छतरपुर के आसपास होने और उसमें स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने को सुनिश्चित करने को कहा।

छतरपुर में मिला हीरे का भंडार

बैठक में जानकारी दी गयी कि राज्य में रिकोनेसेन्स परमिट के प्रावधान लागू होने के बाद 60 हजार 387 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर 41 परमिट स्वीकृत किये गये हैं। परमिटों पर किये गये कार्य से प्रदेश के छतरपुर में नई हीरा खदान की जानकारी मिलने के साथ ही प्रदेश के कई क्षेत्रों में सोना, तांबा, निकिल, प्लेटिनम और पैलेडियम जैसे बहुमूल्य खनिजों के संकेत भी प्राप्त हुए हैं। इसी तरह कोल बेड मीथेन के भण्डारों की खोज, अनूपपुर, शहडोल, छिन्दवाड़ा और सिंगरौली जिलों के 2728 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में की जा रही है। अब तक इस क्षेत्र में अनूपपुर और शहडोल जिले में 3.65 खरब घनफीट गैस के भंडार प्रमाणित हुए हैं। मीथेन गैस के व्यावसायिक उत्पादन के लिये दो खनिज पट्टे स्वीकृत किये गये हैं।

भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 25 कोल ब्लाक खुले घोषित

भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के 25 कोल ब्लॉक खुले घोषित करने की भी जानकारी दी गयी। इनमें 7 ब्लॉक राज्य के खनिज निगम और 18 ब्लॉक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कम्पनियों को आवंटित किये गये हैं। कुल 2931 मिलियन टन के अनुमानित भंडार के इन ब्लाकों में प्रतिवर्ष 65 मिलियन टन के संभावित उत्पादन से राज्य को सालाना 750 करोड़ रूपये की रॉयल्टी प्राप्त होगी। इसके अलावा 8000 मेगावाट का विद्युत उत्पादन भी संभव होगा।

एक लाख करोड़ के 53 एम.ओ.यू. पर अमल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खनिज आधारित करारनामों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि रूचि नहीं लेने वालों के करारनामे तत्काल निरस्त किये जाये। खनिज आधारित 108 एम.ओ.यू. में से एक लाख करोड़ रूपये के निवेश के 53 एम.ओ.यू. में खनि रियायत स्वीकृति जारी होने और 12 एम.ओ.यू. में कार्यवाही प्रचालित होने की जानकारी दी गयी।

तीन साल में 100 फीसदी से अधिक राजस्व की प्राप्ति

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पिछले तीन वर्षों में सौ फीसदी से अधिक राजस्व प्राप्ति के लिये विभाग की प्रशंसा की। उन्होंने वर्ष 2009-10 के 1565 करोड़ रूपये के राजस्व लक्ष्य की पूर्ति के लिये भी कहा।

इस साल 12 हजार वर्ग कि.मी. में खनिज सर्वेक्षण होगा

विभाग ने चालू माली साल में खनिज अन्वेषण के अंतर्गत 12 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का सर्वेक्षण और 5 हजार मीटर पूर्वेक्षण ड्रिलिंग का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अंतर्गत देवास जिले में डोलोमाइट पूर्वेक्षण, मंदसौर में लेटेराइट और आयरन ओर के सीमांकन, छतरपुर और सागर में आयरन ओर के सीमांकन, अनूपपुर जिले के गोविन्दा और राजनगर में कोयला पूर्वेक्षण और सतना जिले के ताला क्षेत्र में चूना पत्थर का पूर्वेक्षण किया जायेगा।

 

 

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