शुक्रवार, 24 जुलाई 2009

जिले में 87 विद्यालय उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित होंगे

जिले में 87 विद्यालय उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित होंगे

ग्वालियर 23  जुलाई 09। जिले मे शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार हेतु प्रत्येक जनशिक्षा केन्द्र से एक प्राथमिक / माध्यमिक विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये 87 विद्यालयों का चयन किया गया है। चयनित विद्यालयों को न  केवल सभी प्रकार के संसाधन व सहयोग प्रदान किया जायेगा, बल्कि शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर सामर्थ्यवान बनाया जायेगा व प्रेरित किया जायेगा। संसाधनों की वृध्दि में भी इन विद्यालयों को प्राथमिकता दी जायेगी।

      कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने बताया कि जिले के प्रत्येक जनशिक्षा केन्द्र से एक विद्यालय का चयन इस हेतु किया गया है। यह ध्यान रखा गया है कि विद्यालय की छात्र संख्या बहुत अधिक न हो एवं शिक्षकों की संख्या भी पर्याप्त हो, शिक्षकों की उम्र अधिक न हो व उन्हें नवीन गतिविधियां सीखने में दिलचस्पी हो। साथ ही ऐसे विद्यालयों का चयन किया गया है, जो प्राथमिक अथवा माध्यमिक हों किन्तु यथासंभव एक ही परिसर में संचालित हों। विद्यालय आवागमन की दृष्टि से सुगम हों। उक्त विद्यालयों में भवन उपलब्धता, शौचालय व पेयजल व्यवस्था तथा नार्म अनुसार शिक्षकों की उपलब्धता प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जायेगी। मांग अनुसार अन्य संसाधन भी उपब्लध कराने का प्रयास किया जावेगा। चयनित विद्यालयों की सुधारात्मक मॉनीटरिंग नियमित रूप से की जायेगी तथा साप्ताहिक रूप से गुणवत्ता प्रगति की समीक्षा की जावेगी। उक्त विद्यालयों को जनशिक्षक द्वारा गोद लिया जायेगा तथा बी ई ओ./ बी आर सी सी. द्वारा माह में कम से कम एक बार तथा डी ई ओ./ डी पी सी. द्वारा दो माह में कम से कम एक बार उक्त विद्यालयों का निरीक्षण किया जायेगा।

      उक्त विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों को बारी बारी से व्यक्तित्व विकास संबंधी समस्त प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिसमें उत्तरदायित्व की भावना विकसित करना, प्रसन्न, परिपूर्ण एवं उपयोगी जीवन बिताने की कला को विकसित करना, व्यक्तिगत सामर्थ्य व नेतृत्व क्षमता में वृध्दि करना। विद्यार्थियों/ ग्रामीणों को प्रेरित करने की सामर्थ्य में वृध्दि करना तथा शिक्षण की नवीनतम विधाओं में पारंगत करना शामिल हैं। इसके लिये कार्यरत विभिन्न एजेन्सियां-आर्ट ऑफ लिविंग, नीपा आदि से सहयोग लिया जावेगा। प्रथम चरण में इन विद्यालयों में से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों के एक-एक शिक्षकों को सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण 27 जुलाई 09 से 2 अगस्त तक ट्रिपल आई टी एम. परिसर में आयोजित किया जायेगा। प्रथम प्रशिक्षण के फीड बैक के आधार पर शेष शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु आवश्यक रणनीति तैयार कर उन्हें भी प्रशिक्षित किया जायेगा।

      श्री त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षकों के सामर्थ्यवान बनने, संसाधनों में वृध्दि होने तथा नियमित मॉनीटरिंग होने से यह अपेक्षित है कि उक्त विद्यालयों के छात्र शिक्षा की गुणवत्ता के सभी मापदण्ड पूर्ण कर सकेंगे। उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में इन विद्यालयों को विकसित करने का एकमात्र व अंतिम लक्ष्य शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है। इस हेतु उक्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं पठन पाठन संबंधी किसी भी रणीनीति को अपनाने हेतु पूर्ण रूप से स्वतंत्र होंगे एवं विभागीय निर्देशों के बंधन से मुक्त रहेंगे। उन्होंने समस्त संबंधित अधिकारी/ समन्वयक प्राचार्य, प्र अ., जनशिक्षकगण को निर्देश दिये हैं कि अपने-अपने दायित्वों का पूर्ण रूप से निर्वहन कर निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करे।

 

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