शनिवार, 26 सितंबर 2009

ग्वालियर जिले में जन मित्र समाधान केन्द्रों के रूप में अनूठी पहल

ग्वालियर जिले में जन मित्र समाधान केन्द्रों के रूप में अनूठी पहल

मैदानी अमले की गाँव में अनिवार्य उपस्थिति के साथ-साथ , गांववासियों को मिलेंगी 53 प्रकार की सेवायें

स्थानीय सांसद श्रीमती यशोधरा राजे ने किया केन्द्र का शुभारंभ

ग्वालियर 25 सितम्बर 09। ग्वालियर जिले के ग्रामीण अंचल में सूचना प्रौद्यौगिकी का इस्तेमाल कर संभवत: देश का ऐसा पहला सिस्टम विकसित किया गया है, जिससे बायोमीट्रिक प्रणाली से न केवल मैदानी अमले की गांव स्तर पर उपस्थिति सुनिश्चित होगी बल्कि 12 विभागों से संबंधित 53 प्रकार की सेवायें भी ग्रामीणों को अपनी पहुँच में अर्थात अपने गांव के समीप ही मिल सकेंगी। जिला प्रशासन द्वारा जन मित्र समाधान केन्द्र सह एम आई एस. डाटा प्रविष्टि केन्द्र के रूप में विकसित किये गये इस सिस्टम का शुभारंभ शुक्रवार को स्थानीय सांसद श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने किया। जिले के दूरस्थ ग्राम सिमरिया टांका में जन मित्र समाधान केन्द्र के शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद श्री प्रभात झा ने की। स्थानीय विधायक द्वय श्री लाखन सिंह यादव व श्री मदन कुशवाह, जनपद पंचायत बरई की अध्यक्ष श्रीमती मुन्नी देवी, सभाग आयुक्त डॉ. कोमल सिंह, पुलिस महानिरीक्षक श्री अरबिन्द कुमार, जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक श्री ए.साँई मनोहर व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा सहित अन्य क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि व संबंधित अधिकारी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण जन मौजूद थे। यह जन मित्र समाधान पाँच से छ: ग्राम पंचायतों के बीच शुरू किये गये हैं। आरंभ में जिले की आदिवासी बहुल जनपद पंचायत बरई के अन्तर्गत 12 केन्द्र खोले गये हैं। इन केन्द्रों से इस विकास खण्ड की सभी 59 ग्राम पंचायतें लाभान्वित होंगी। बाद में चरणबध्द तरीके से इसका विस्तार जिले के अन्य विकासखण्डों में किया जायेगा।

      गौरतलब है कि जनमित्र समाधान केन्द्रों में एक विशेष सॉफ्टवेयर के जरिये मैदानी स्तर पर पदस्थ हर शासकीय कर्मचारियों की उंगली की छाप कम्प्यूटर में ली गई है। इस तरह बायोमीट्रिक प्रणाली से गाँव के हर कर्मचारी की प्रतिदिन की उपस्थिति समय सहित दर्ज हो जायेगी। इसकी सूचना प्रतिदिन कलेक्टर कार्यालय में पहुँचेगी। इस प्रणाली से यह पता लग जायेगा कि कौन सा कर्मचारी अनुपस्थित रहा और उपस्थित रहने वाले कर्मचारी किस समय गांव में उपस्थित हुए। इन केन्द्रों के माध्यम से पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य, कृषि, राजस्व, पशु चिकित्सा सहित कुल 12 विभागों से जुड़ी सेवायें प्रदान की जायेंगी। इन सेवाओं में खसरा व बी-वन की नकल आय व जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पेंशन, राशन कार्ड, हैण्डपंप संधारण, मध्यान्ह भोजन, फसल ऋण, घरेलू, गैर घरेलू व एकल बत्ती विद्युत कनेक्शन, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, नरेगा का भुगतान, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र व लाड़ली लक्ष्मी योजना शामिल हैं। पंचायत सचिवों को नरेगा एम आई एस. प्रविष्टि के लिये अब विकासखण्ड मुख्यालय तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वे अब जन मित्र समाधान केन्द्रों पर ही यह प्रविष्टि करा सकेंगे।

      ग्राम सिमरिया टांका में आयोजित जन मित्र समाधान केन्द्र के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए सांसद श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि इन केन्द्रों के खुलने से न केवल शासकीय अमला मुस्तैद होकर काम करेगा अपितु ग्रामवासियों की समस्याओं का समाधान अपनी पहुँच के भीतर हो जायेगा और उन्हें शासकीय कार्यालयों तक जाने की बार-बार मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने इस अभिनव पहल के लिये जिला कलेक्टर सहित इस सिस्टम को मूर्त रूप देने वाले समस्त शासकीय अधिकारियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंन कहा कि मुख्यमंत्री के ध्यान में लाकर इस सिस्टम को सम्पूर्ण प्रदेश में लागू कराने के प्रयास किये जायेंगे। राज्य सभा सांसद श्री प्रभात झा ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने में यह समाधान केन्द्र शसक्त माध्यम साबित होंगे। उन्होंने कहा कि आगे चलकर यह केन्द्र सम्पूर्ण प्रदेश के लिये आदर्श बनेंगे।

      स्थानीय विधायक द्वय श्री लाखन सिंह व श्री मदन कुशवाह ने भी जिला प्रशासन की इस पहल को जन हितैषी बताया और कहा कि इससे आम आदमी की शासन व प्रशासन से जो अपेक्षायें होती हैं, उनकी पूर्ति के लिये अब उन्हें शासकीय दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। संभाग आयुक्त डॉ. कोमल सिंह ने कहा कि इन केन्द्रों के खुलने से आम आदमी के श्रम व समय दोनों की बचत होगी। उन्होंने इन केन्द्रों से जुड़े शासकीय अमले से कहा कि वे पूरी संवेदनशीलता के साथ जन समस्याओं का समाधान करें।

      जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने इस सिस्टम की कार्यपध्दति पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम से मैदानी कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति के साथ साथ योजनाओं में गड़वड़ी पर भी प्रभावी अंकुश लगेगा। उन्होने बताया कि जन मित्र समाधान केन्द्र के लिये तैयार किये गये विशेष सॉफ्टवेयर के जरिये संपूर्ण तहसील के सभी विभागों की डाटा एण्ट्री कम्प्यूटर में कराई गई है। उन्होंने बताया कि यह केन्द्र प्रात: 10.30 बजे से सांयकाल 5 बजे तक कार्य करेंगे। इन केन्द्रों पर आरंभिक दो घण्टों मे वहां पदस्थ सभी विभागों के कर्मचारी मौजूद रहेंगे। इसके बाद वे क्षेत्र में अन्य कार्य संपादित कर सकेंगे। बायोमीट्रिक प्रणाली से कर्मचारियों की उपस्थिति का पता चल सकेगा और जितने दिन वे कार्य पर जायेंगे उनते ही दिनों का उन्हें वेतन दिया जायेगा। श्री त्रिपाठी ने बताया कि बिजली आदि की दिक्कत से जन मित्र समाधान केन्द्रों की सेवायें प्रभावित न हों, इसके लिये कम्प्यूटराइज्ड व्यवस्था के साथ-साथ हस्तलिखित रूप से नकलों सहित अन्य सेवायें मुहैया कराने की समानान्तर व्यवस्था भी की गई है। ज्ञात हो इन समाधान केन्द्रों के संचालन के लिये पाँच तरह के सॉफ्टवेयर एन आई सी. की मदद से तैयार किये गये हैं। इनमें बी पी एल. सूची, नरेगा, बायोमेट्रिक अटेंडेंस, जन मित्र समाधान केन्द्र की सेवाओं की मॉनीटरिंग व खसरा-खतौनी की नकल देना शामिल हैं।

ये हैं समाधान केन्द्र

       आरंभ में जिले की आदिवासी बहुल जनपद पंचायत से जन मित्र समाधान केन्द्रों की शुरूआत जिला प्रशासन ने की है। यह समाधान केन्द्र आरौन, जखौदा, बरई, नौगांव, तिघरा, कुलैथ, मोहना, घाटीगांव, सिमरिया टांका, पुरानी छावनी, अजयपुर व ग्राम ग्राम पंचायत थर में शुरू किये गये हैं।

 

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