मंगलवार, 17 नवंबर 2009

राष्ट्रपति ने डॉक्टरों से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने का आग्रह किया

राष्ट्रपति ने डॉक्टरों से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने का आग्रह किया

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एम्स में रोगियों की भीड़ को तुरंत कम करने की जरूरत- श्री गुलाम नबी आज़ाद

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एम्स जैसे संस्थानों के निर्माण कार्य के जल्दी पूरा होने

 पर 10 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा

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        राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने देश के युवा डॉक्टरों से अपने सेवा जीवन के कुछ वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में बिताने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात होने के सरकार के आह्वान पर सकारात्मक अनुक्रिया करनी चाहिए। आज यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के 37वें वार्षिक दीक्षान्त समारोह में राष्ट्रपति ने युवा डॉक्टरों को उनकी सामाजिक जिम्मेदारी तथा राष्ट्र निर्माण के प्रति कर्तव्य का स्मरण कराया। राष्ट्रपति ने कहा, ''ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करने से आप न सिर्फ राष्ट्र के लिए अच्छा कार्य करेंगे बल्कि इससे आपके व्यावसायिक अनुभव का मूल्य वर्धन होगा।'' राष्ट्रपति ने ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता संबंधी मौजूदा अंतर को पाटने के लिए सरकार के हाल के प्रयासों पर प्रसन्नता प्रकट की। राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के प्रारंभ से अब तक 7 लाख से अधिक आशाएं, 70 हजार से अधिक  सहायक नर्स मिडवाइफ और नर्स तथा 15000 से अधिक एमबीबीएस और आयुष डॉक्टर उपलब्ध कराए जा चुके हैं।

 

       इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री गुलाम नबी आज़ाद ने रोगियों के भारी दबाव के कारण एम्स की मूल भूमिका नदारद होने पर चिन्ता प्रकट की। उन्होंने कहा कि शोध और नूतनता को बढावा देने के लिए संस्थान में रोगियों की भीड़ कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एम्स जैसे 8 नए संस्थानों की स्थापना, 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन तथा ग्रामीण, जिला और राज्य स्तर के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने से एम्स पर बोझ घटेगा। श्री आज़ाद ने इन परियोजनाओं के निर्माण कार्य के जल्दी पूरा होने पर 10 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देने की घोषणा की।

 

 

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