सोमवार, 24 मई 2010

आर बी आई. की बगैर अनुमति के बैंकिंग कार्य कर रहीं कंपनियों से सावधान रहने की सलाह

आर बी आई. की बगैर अनुमति के बैंकिंग कार्य कर रहीं कंपनियों से सावधान रहने की सलाह

अवैध बैंकिंग से जुड़ीं कंपनियों की कलेक्टर ने शिकायतें माँगी

ग्वालियर 17 मई 10। भारतीय रिजर्व बैंक की बगैर अनुमति के बैंकिंग कार्य कर रहीं निजी वित्तीय कंपनियों से पूरी तरह सावधान रहने की सलाह कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने जिले के नागरिकों को दी है। उन्होंने नागरिकों से यह भी कहा है कि यदि किसी ऐसी कंपनी द्वारा धनराशि स्वीकार की गई है, जो भारतीय रिजर्व बैंक में पंजीकृत नहीं है, तो उसका नाम जिला प्रशासन को अवश्य दें, ताकि उक्त कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। कलेक्टर ने इसी तरह बिना सक्षम कार्यालय की स्वीकृति के आवासीय निवेश के काम से जुड़ी आवासीय कंपनियों से सावधान रहने की सलाह भी जिलेवासियों को दी है।

       कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने जिलेवासियों को सलाह दी है कि किसी भी कंपनी में निवेश करने से पूर्व संबंधित कंपनी के धनराशि प्राप्त करने संबंधी अधिकार के बारे में पूर्ण जांच परख कर लें। उन्होंने कहा है कि यदि जिले में किसी व्यक्ति से ऐसी कंपनी द्वारा धनराशि स्वीकार की गई है और कंपनी द्वारा उक्त राशि वापस नहीं की जा रही है, तो इसकी शिकायत कलेक्टर कार्यालय में अवश्य करें, ताकि राशि वापस कराये जाने की कार्रवाई के साथ-साथ संबंधित कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

       अपर कलेक्टर श्री आर के. मिश्रा ने बताया कि  जिले में  कुछ ऐसी कंपनियों के नाम सामने आये हैं, जो भारतीय रिजर्व  बैंक अथवा अन्य सक्षम कार्यालय द्वारा अधिकृत नहीं है। इन कंपनियों में मध्यप्रदेश विकास फायनेंस लिमिटेड, गालव लीजिंग एण्ड फायनेंस, आधुनिक हाउसिंग डव्हलपमेंट प्रायवेट लिमिटेड आदि शामिल हैं। इसी तरह मैसर्स अनमोल सहारा मार्केटिंग इंडिया के खिलाफ भी शिकायत मिली है।

       उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के संस्थागत वित्त संचालनालय ने भी अवैध तरीके से बैंकिंग कार्य कर रहीं निजी वित्तीय कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये संबंधित जिला कलेक्टर्स का ध्यानाकर्षित किया है। विदित हो कि मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत जिला कलेक्टर को सक्षम अधिकारी बनाया गया है। अपर कलेक्टर श्री आर के. मिश्रा ने बताया कि बैंकिंग कार्य करने के लिये वित्तीय कंपनी का भारतीय रिजर्व बैंक में पंजीयन आवश्यक  है। इसी तरह आवासीय कंपनियों को भी राष्ट्रीय आवास अधिनियम 1987 की धारा- 29 (अ) के प्रावधान अनुसार राष्ट्रीय आवास बैंक से पंजीयन आवश्यक है।

 

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