बुधवार, 30 जून 2010

मुख्य अभियंता जल संसाधन ने दिये अतिवृष्टि एवं बाढ़ से निपटने के लिये आवश्यक निर्देश

मुख्य अभियंता जल संसाधन ने दिये अतिवृष्टि एवं बाढ़ से निपटने के लिये आवश्यक निर्देश

ग्वालियर 26 जून 10 बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जिससे गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मानसून के दृष्टिगत मुख्य अभियंता यमुना कछार जल संसाधन  विभाग ग्वालियर श्री एम डी. नारोलिया ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक निर्देश दिये हैं।

       उन्होंने कहा है कि जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण  कक्ष संचालित किया जावे। जलाशयों में पानी बढ़ने की स्थिति में पूर्वानुमान लगाकर गेट, रेग्यूलेशन की सूचना  कलेक्टर, कन्ट्रोल रूम तथा  कार्यालय में तत्काल दी जावे। चंबल एवं सहायक अन्य नदियों में जल स्तर बढ़ता है तो इसकी सूचना दी जावे। बड़े  बांधों पर गोताखोर तैराकों, नाव तथा अन्य सुरक्षा उपकरण की जानकारी तैयार रखी जावे तथा कलेक्टर को भी इसकी सूची उपलब्ध कराई जावे।

       नदी में बाढ़ आने की स्थिति में नजदीकी थाने के प्रभारी को सूचना देने के साथ ही यात्रियों को नदी तक न जाने दें तथा पहले ही उचित स्थान तक पहुँचाने की व्यवस्था के साथ ही नदी के आसपास पुलिस के माध्यम से ट्रैफिक कण्ट्रोल का प्रबंध किया जावे।

       उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि जिन नदियों  से पानी छोड़ने की स्थिति बनती है या पानी छोड़ा जाता है तो उसकी सूचना कलेक्टर एवं संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी को अवश्य दी जावे। नदियों पर कहां रपटे बने हुए हैं या ऐसे रास्ते जहां पर दूसरे गांव जाने के लिये लोग इधर से उधर आते जाते हैं वहां  पर लोक निर्माण विभाग वोर्ड लगाकर आवश्यक निर्देश तथा विभागीय अधिकारी का दूरभाष नंबर अंकित करें। जिन गांव में पूर्व में बाढ़ आई हो उन्हें चिन्हित कर बाढ़ से सुरक्षा के समस्त उपायों की जानकारी ग्रामीणों को बताई जावे।

       श्री नारोलिया ने यह भी कहा है कि हेलीकॉप्टर प्राप्त करने संबंधी समस्त जानकारी उपलब्ध की जावे ताकि आवश्यकता होने पर व्यवस्था की जा सके। इसके साथ ही जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन से विभागीय अधिकारी निरंतर सम्पर्क बनाये रखें।

 

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