बुधवार, 28 जुलाई 2010

ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी मंदिरों का भी होगा भौतिक सत्यापन

ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी मंदिरों का भी होगा भौतिक सत्यापन

सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की मुहिम और तेज करने के कलेक्टर ने दिये निर्देश

ग्वालियर 26 जुलाई 10/ सरकारी मंदिरों से जुड़ी जमीन तथा अन्य प्रकार की सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रही मुहिम और तेज कर दी गई है। इस सिलसिले में आज आयोजित हुई संबंधित अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सरकारी मंदिरों का भी भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिये। साथ ही कहा जिन मंदिरों की जमीन परिसम्पत्तियों के बारे में यह स्पष्ट हो गया है कि वह सरकारी है उन पर शासन का आधिपत्य स्थापित करने  की कार्रवाई तत्परता से विधिवत रूप से जारी रखी जाये। विदित हो हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा नगर के सात सरकारी मंदिरों से जुड़ी बेसकीमती एक  लाख वर्ग फुट से अधिक जमीन पर शासन का पुन: आधिपत्य बहाल कराया है।

       यहाँ जिला कार्यालय में आयोजित हुई बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री एन बी एस. राजपूत, अपर जिला दण्डाधिकारी श्री आर के. जैन, अपर कलेक्टर श्री आर के. मिश्रा, संयुक्त कलेक्टर श्री शरद श्रोत्रिय व श्री राजेश बाथम, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती दिशा प्रणय नागवंशी, अपर आयुक्त नगर निगम श्री कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

       कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने हिदायत दी कि सरकारी मंदिरों की जमीन पर अवैध रूप से काबिज अतिक्रामकों को लोक परिसर बेदखली अधिनियम तथा अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत बेदखल करें। उन्होंने नगर के शेष सभी सरकारी मंदिरों में विधिवत रूप से पुजारी नियुक्त करने की कार्रवाई तत्परता से पूर्ण करने के निर्देश भी दिये। ग्वालियर तहसीलदार ने बैठक में जानकारी दी कि अभी तक 47 सरकारी मंदिरों में पुजारी नियुक्त करने की कार्रवाई की जा चुकी है। श्री त्रिपाठी ने सरकारी मंदिरों में उपलब्ध जमीन को स्वीकृत स्कूल भवनों के लिये मुहैया कराने को भी कहा। उन्होंने कहा सरकारी मंदिरों की जिस जमीन पर शासन का आधिपत्य दिया गया है उसे शासकीय भू-दस्तावेजों में अवश्य दर्ज कराया जाय। नगर के व्यस्ततम मार्गों पर आवागमन में बाधा बन रहे मंदिरों का उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों के संदर्भ में व्यवस्थापन करने पर भी बैठक में चर्चा हुई।

       उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा संधारित नगर के मंदिरों एवं उनसे जुड़ी परिसंपत्ति व जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिये जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रही विशेष मुहिम के तहत अपर कलेक्टर्स समेत जिला प्रशासन के दस वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में पृथक, पृथक दल गठित कर नगर में स्थित छोटे बड़े करीबन एक सैकड़ा मंदिरों का सीमांकन व सत्यापन कराया गया है। इन दलों द्वारा प्रस्तुत की गईं रिपोर्ट के आधार पर की जा रही कार्रवाई की कलेक्टर श्री त्रिपाठी द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जाती है।

        भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ में दर्ज प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा जो जमीन सरकारी घोषित कर दी गई है उस पर शासन का कब्जा बहाल करें और पूर्व में हुए गलत नामांतरण को निरस्त करें। उन्होंने सरकारी जमीन के संबंध में न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में सभी तथ्यों के साथ शासन का मजबूती से पक्ष रखने के निर्देश भी दिये।

 

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