बुधवार, 21 जुलाई 2010

समर्पण भाव से काम कर बच्चों को करें कुपोषण मुक्त- डॉ. अगनानी

समर्पण भाव से काम कर बच्चों को करें कुपोषण मुक्त- डॉ. अगनानी

एन आर सी. से जुड़े चिकित्सकों की संभाग स्तरीय कार्यशाला जारी

ग्वालियर 20 जुलाई 10/ बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिये प्रदेश सरकार शिद्दत के साथ प्रयासरत है। इसी सिलसिले में पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना के पश्चात सरकार कुपोषण के समग्र निवारण के लिये अटल बाल आरोग्य मिशन की स्थापना करने जा रही है। इस मिशन की सफलता में चिकित्सकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी, अत: वे समर्पण भाव से इस दिशा में काम करें। यह बात राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के प्रदेश संचालक डॉ. मनोहर अगनानी ने पोषण पुनर्वास केन्द्र (एन आर सी.) से जुड़े चिकित्सकों की संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन एवं यूनीसेफ के सहयोग से यहाँ राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में बीते रोज से शुरू हुई यह कार्यशाला 21 जुलाई तक चलेगी। गत दिवस प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. निधि व्यास यूनीसेफ के प्रतिनिधियों समेत ग्वालियर एवं चंबल संभाग के पोषण पुनर्वास केन्द्रों तथा प्रदेश के अन्य जिलों के केन्द्रों से जुड़े चिकित्साधिकारी मौजूद थे।

       एन आर एच एम. के प्रदेश संचालक डॉ. अगनानी ने कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्रों में आये बच्चों का फोलोअप अत्यंत महत्वपूर्ण है। अत: जो भी बच्चे एन आर सी. में आये उन सभी बच्चों के समस्त फॉलोअप भी हों, उन्होंने कहा कि पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों में प्रथम बार आये बच्चों की माँ को 14 दिवस की अवधि में पूर्ण प्रशिक्षण दे दें, ताकि घर जाकर वे अपने बच्चों की परवरिश ठीक ढंग से कर सकें। डॉ. अगनानी ने कहा कि प्रदेश में अब तक 200 से अधिक पोषण पुनर्वास केन्द्र खोले जा चुके हैं। इन केन्द्रों के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जिन केन्द्रों में टीम वर्क के साथ काम किया गया है, वहां अत्यधिक सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। विदित हो पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों को 14 दिन तक चिकित्सक की देखरेख में रखा जाता है। इस दौरान प्रशिक्षित आहार विशेषज्ञ द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रावधानों के अनुसार बच्चों को भोजन दिया जाता है। साथ ही बच्चों की माँ को बच्चों की परवरिश व आहार देने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इस दौरान बच्चे की माँ को 65 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से राशि भी प्रदान की जाती है।

 

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