बुधवार, 12 जनवरी 2011

मेलों में संस्कार व संस्कृति का मिलन होता है- श्री विजयवर्गीय , उद्योग मंत्री द्वारा ग्वालियर व्यापार मेले का शुभारंभ

मेलों में संस्कार व संस्कृति का मिलन होता है- श्री विजयवर्गीय

उद्योग मंत्री द्वारा ग्वालियर व्यापार मेले का शुभारंभ

ग्वालियर 11 जनवरी 11। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि मेले व्यापार का माध्यम भर नहीं है वे कला व संस्कृति के पोषक भी है। मेलो में संस्कार व संस्कृति का मिलन भी होता है। अत: समृध्द भारतीय संस्कृति को अक्षुण बनाये रखने के लिये मेलों में व्यापार के साथ-साथ कला व संस्कृति को प्रोत्साहित करने की भी महती आवश्यकता है। श्री विजयवर्गीय आज यहां ग्वालियर व्यापार मेला के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की। समारोह के मुख्य अतिथि श्री विजयवर्गीय ने अन्य अतिथियों के साथ माँ सरस्वती की प्रतिमा की आराधना व दीप प्रज्ज्वलन कर देश के सुप्रसिध्द ग्वालियर मेले का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर सांसद श्रीमती यशोधराराजे सिंधिया व श्री अशोक अर्गल, राज्य सभा सांसद श्रीमती माया सिंह , महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, साडा अध्यक्ष श्री जय सिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री श्री रूस्तम सिंह , समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती उषा चतुर्वेदी , पूर्व महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर , ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अनुराग बंसल व उपाध्यक्ष श्री वेदप्रकाश शिवहरे , श्री वेदप्रकाश शर्मा सहित अन्य जन प्रतिनिधिगण तथा मेला प्राधिकरण के संचालकगण मंचासीन थे।

      उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि समय के साथ साथ  काफी तकनीकी तरक्की हुई है । तरक्की के इस दौर में सामाजिक परिवर्तन होना स्वाभाविक है । हमें इस सब को ध्यान में रखकर मेले लगाने होंगे। तभी हम आज के अन्य आधुनिक बाजारो व मनोरंजन के साधनों के समक्ष मेलों को खडा रख पायेंगे। उन्होने कहा कि वर्तमान में मॉल संस्कृति का दौर चल पड़ा है। लेकिन इसके बावजूद भारतीय जनमानस में हाट, बाजार व मेले इतने गहरे तक रचे बसे हैं, जिससे मेले मॉल संस्कृति से  प्रभावित न होकर अपना अस्तित्व बनाये रखने में सफल रहेंगे। श्री विजयवर्गीय ने ग्वालियर व्यापार मेला की उत्तरोत्तर प्रगति में  प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद दिलाने का भरोसा भी इस अवसर पर दिलाया।उद्योग मंत्री ने ग्वालियर स्थित आई टी पार्क में पूंजी निवेश करने हेतु आस्ट्रेलियन कम्पनी से एम ओ यू साइन कराने मे मदद करने के लिये स्थानीय सांसद श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया की सराहना की। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि ग्वालियर अंचल में एक्सकॉर्ट कम्पनी से औद्यौगिक इकाई स्थापित कराने के भी प्रयास किये जा रहे हैं।

      सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मेला हमारे पूर्वजों द्वारा दी गई ऐसी अनूठी परंपरा है यदि हम इसका निर्वाह करते रहेंगे तो दुनियां में हमारी सांस्कृतिक पहचान सदैव बनी रहेगी। उन्होने कहा कि ग्वालियर मेले में ग्वालियर व चंबल अंचल ही नहीं बल्कि समूचे बृज व बुंदेलखण्ड समेत अन्य राज्यों की संस्कृति भी समाहित है। श्री तोमर ने कहा कि  प्रदेश सरकार ग्वालियर - चम्बल अंचल के समग्र विकास के लिये पूरी ताकत के साथ प्रयासरत है। सरकार के उद्योग मित्र रवैये से उत्साहित होकर बडे - बडे औद्यौगिक घराने अपनी इकाईयां स्थापित करने के लिये तैयार हो रहे हैं ।इस कडी में मुरैना जिले के सवलगढ क्षेत्र में करीबन दो हजार करोड रूपये की लागत से सीमेन्ट उद्यौग स्थापित होने जा रहा है । उन्होने ग्वालियर में संगीत व कृषि विश्वविद्यालय समेत राज्य सरकार द्वारा कराये गये अन्य कार्यों का भी  इस अवसर पर जिक्र किया।

      स्थानीय सांसद श्रीमती यशोधराराजे सिंधिया ने मेले की अधोसंरचना में सुधार के लिये सभी से सहयोग का आहवान किया। आरंभ में व्यापार मेला के अध्यक्ष श्री अनुराग बंसल ने स्वागत उद्बोधन व मेले की प्रगति पर प्रकाश डाला। व्यापारी संघ की ओर से श्री महेश मुद्गल ने विचार व्यक्त किये। शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा इस वर्ष के लिये मेले के सांस्कृतिक कैलेण्डर का विमोचन भी किया।

 

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