शनिवार, 30 मई 2015

केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की चम्बल यात्रा , जाते जाते भव्य व आलीशान राजनीति करने का जलजला बिखेर नया इतिहास रच गये , सिखा गये नेताओं को कि चंबल में राजनीति कैसे की जाती है

केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की चम्बल यात्रा , जाते जाते भव्य व आलीशान राजनीति करने का जलजला बिखेर नया इतिहास रच गये , सिखा गये नेताओं को कि चंबल में राजनीति कैसे की जाती है
• चम्बल में भव्य स्वागत के साथ सारे विधायक , सारे नेताओं सहित करीब तीन चार लाख लाग उमड़े नरेन्द्र सिंह तोमर के स्वागत में * मुरैना सांसद को नहीं खोज पाये केन्द्रीय मंत्री भी , लापता व गुमशुदा ही रहे मुरैना सांसद
• तोमरघार क्षेत्र में जाकर अहसास दिला गये नेताओं को , सरकार को, अनाथ मत समझ लेना तोमरघार को , मैं यहीं का बेटा हूँ, लहू का एक एक कतरा इसी भूमि पर गिरेगा मेरा
नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनन्द’’
ग्वालियर टाइम्स www.gwaliortimes.in

भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने एकदम अचानक चम्बल की धरती पर न केवल कदम धर दिया बल्कि् पूरी तरह से राजनीतिक व प्रशासनिक तौर पर अनाथ और अस्पृश्य एवं नजरअंदाज घोषि‍त कर दी गई तोमरघार बेल्ट में ही जाकर न केवल तमाम कार्यक्रम संपादित कर डाले , बल्किई यह भी कह गये कि , मैं इसी धरती का बेटा हूँ , कोई भूल से इसे अनाथ व नेतृत्व विहीन या अकेला समझने की भूल न करे , मेरे लहू का एक एक कतरा इसी तोमरघार की माटी से बना है , इसी पर गिरेगा ।
चम्बल की धरती पर किये गये जितने भी मेरे वायदे हैं या रूके हुये प्रोजेक्ट हैं या चम्बल के लोग जिस काम की भी कहेंगें या जिस काम को भी करवाना चाहेंगें , मैं बैठा हूँ , एक चिठ्ठी या एक खबर भी मुझे मिली , वही काम यहॉं हर हाल में अवश्य किया जायेगा और पूर्ण किया जायेगा ।
चम्बल की श्योपुर से लेकर ऐन पूरी तोमरघार गोरमी से मुरैना तक और भि‍ण्ड क्षेत्र की जनता के साथ सभी के सभी भाजपा विधायक और सारे भाजपा पदाधि‍कारीयों , नेताओं ने जहॉं पूरा मुरैना शहर और पूरी चम्बल नरेन्द्र सिंह तोमर के बैनरों और होडिंगों से पाट दी, तो पूरी चम्बल में ‘’नरेन्द्र सिंह तोमर जिंदाबाद’’ और देश का नेता कैसा हो ‘’ नरेन्द्र सिंह तोमर जैसा हो’’ के नारों से शहर मुरैना सहित जयकारों का गुजायमान कर दिया ।
जहॉं समूची भाजपा नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ एकजुट खड़ी नजर आई तो वहीं , केन्द्रीय मंत्री का पूरा ध्यान तोमरघार और मुरैना जिला पंचायत व मुरैना नगर निगम पर केन्द्रियत रहा ।
तोमर की चंबल यात्रा में हाशीये पर फेंकें गये लोग और विशेषकर राजपूत , गुर्जर, वैश्य, किरार सब के सब इकतारे के सुर में पहली दफा बरसों बाद एक सूत्र में बंधे नजर आये । क्या कहते हैं अखबार चम्बल के – लीजिये पढि़ये
विधायकों की जम कर तारीफ और – ग्वालियर मुरैना दोनों जगह के सांसद मुझे ही माने जनता और दोनों जगह के विकास की ली जिम्मेवारी
उपेक्षि‍त व नजरअंदाज एवं नाराज चल रहे लोगों ने दिखा दी जोश और ताकत , रच दिया एकता व भव्यता व आलीशानता का चम्बल की धरती पर इतिहास , पूरी चम्बल में मुरैना सांसद का न एक भी चित्र , न होडिंग , न बैनर , न नाम न पोस्टर, न विज्ञापन और न कहीं सूरत नजर आई । अलबत्ता मुरैना सांसद की बचे खुचे अस्तिरत्व को भी पूरी तरह समाप्त कर गये नरेन्द्र सिंह तोमर
उपेक्षित तोमरघार से लेकर ऐन श्योपुर तक गूंज गया आसमान , पूरे संसदीय क्षेत्र में केवल ‘’नरेन्द्र सिंह तोमर जिन्दाबाद’’ के सिवा कुछ सुनाई ही नहीं दिया , मंत्री के चित्रों होर्डिंगों बैनरों पोस्टरों से सज कर दुल्हन बनी चंबल बेशक नजारा ऐतिहासिक और आगाज बहुत जबरदस्त दमदार था


गुरुवार, 21 मई 2015

मुरैना नगर निगम चुनावों की आहट में पेंचों खम के साथ , राजनीतिक गुण्ताड़े और जुगाड़बाजी शुरू

मुरैना नगर निगम चुनावों की आहट में पेंचों खम के साथ , राजनीतिक गुण्ताड़े और जुगाड़बाजी शुरू
70 फीसदी दिग्गज नेता खुद ब खुद ही मैदान से बाहर , दिग्गज नेताओं की खानदानी शहरी सियासत के लिये रास्ते बंद , नये चेहरों के लिये खुले रास्ते
नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनन्द’’
ग्वालियर टाइम्स   www.gwaliortimes.in  

भारत वाणी BHARAT VAANI: मुरैना नगर निगम चुनावों की आहट में पेंचों खम के सा...

भारत वाणी BHARAT VAANI: मुरैना नगर निगम चुनावों की आहट में पेंचों खम के सा...: मुरैना नगर निगम चुनावों की आहट में पेंचों खम के साथ , राजनीतिक गुण्ताड़े और जुगाड़बाजी शुरू 70 फीसदी दिग्गज नेता खुद ब खुद ही मैदान ...

मंगलवार, 19 मई 2015

प्रेस क्लब ने नगरपालिका मुरैना के प्रशासक सी.एम.ओ. के बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई , मुख्यसचिव एवं प्रमुख सचिव को भेजा जायेगा पत्र

* नौकरी छोड़ दें रूपेश उपाध्याय , नगर निगम का या सांसद का चुनाव लड़ कर नेता बन जायें
* प्रेस क्लब ने नगरपालिका मुरैना के प्रशासक सी.एम.ओ. के बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई , मुख्यसचिव एवं प्रमुख सचिव को भेजा जायेगा पत्र * कल पढि़ये ग्वालियर टाइम्स पर खास – मुरैना शहर के एक आधा भाग जो है शहर मुरैना में और नगरपालिका क्षेत्र में , मगर अछूत व अस्पृश्य तथा विकास से कोसों दूर , हालात गॉंवों से भी बदतर * परसों पढि़ये ग्वालियर टाइम्स पर – सांसद के कामकाज व कार्यप्रणाली से संघ व भाजपा नाखुश , मोदी चंबल की समस्याओं के प्रति बेहद गंभीर http://www.gwaliortimes.in

गुरुवार, 14 मई 2015

विश्व का दूसरे नंबर का और भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल मुरैना , विश्व की सबसे बड़ी टूरिस्ट सरकार - भारत सरकार , विश्व की सबसे बड़ी बनिये की दूकान - भारत का लोकतंत्र व्यंग्य - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

विश्व का दूसरे नंबर का और भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल मुरैना , विश्व की सबसे बड़ी टूरिस्ट सरकार - भारत सरकार , विश्व की सबसे बड़ी बनिये की दूकान - भारत का लोकतंत्र
व्यंग्य - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
क्या यार मुरैना में आज सबेरे 4 बजे से बिजली नहीं है तो इसका मतलब ये नहीं है कि ( सी.एम. हेल्पलाइन में चार चार कंपलेाट कर तो रखीं हैं , अब बहरे को सुनाई न दे , अंधे को दिखाई न दे तो इसमें हम क्या करें ) अब भइया सिब्बू को बहरा और नंदू को अंधा और कलेक्टर को लंगड़ा मत कह देना ...... ........ हमने कालीचरण कालीराम का खुल गया पोल ..... टूरिस्ट सांसद कह कर उसका सारी दुनियां में नाम रोशन कर डाला उसके मामा के नाम की योजना पर ही कलंक लगा रहा कालीराम सारी दुनियां में 6 करोड़ लोगों तक वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और रिलज कर मशहूर कर दिया ........ तो इसका मतलब ये नहीं कि ......... उसी तर्ज पर ..... मोदी जी को सूट बूट वाला चोर , सूटकेस सोने का टूरिस्ट प्राइम मिनिस्टर कहा जाये ..... इससे तो ऐसा लगता है कि साली पूरी सरकार ( अकेली बेचारी विदेश मंत्री को छोड़कर ) जो विदेशी जगह की सांसद जरूर है मगर कभी विदेश नहीं जाती, आप लोग पूरी की पूरी सरकार को ही बनियों की दूकान और तखरी तराजू वाला प्रशासन , और हर सांसद व मिनिस्टर को ही टूरिस्ट कहें .... एम.पी. के गधा गोबर नंदू भैया की तो जो कल से बुरी तरह धोती खींच ऐसी की तैसी की जा रही है , दुगत बनाई जा रही है , हम तो फेसबुक , ट्व‍िटर और व्हाटस एप्प पर पढ़ पढ़ के पक गये ..... अखबार और दनादन धोती लंगोट खींचने में , उतारने में लगे हैं बेचारों के , अरे ठीक है बेचारों ने सारे बनियों को प्रशासन की दूकान सौंप दी तो क्या हुआ , पैसे देकर आये हैं बेचारे , थानेदारी भी आजकल थाने के महीने के रूपये बंधे होने से मिलती है, मास्टरी की दूकान , डाक्टरी की दूकान, व्यापम की सब्जी मण्डी, इंजीनियर बनाने की फैक्ट्र‍ियां , नोट गिनने की मशीनें चौकीदारों के घर में लगानी पड़ रहीं हैं तो क्या हुआ, अरे यार कमाता कौन नहीं है, नेताओं के मील तो नहीं चलते , तेल तो तिली से ही निकलेगा न , और बनियों से बड़ा कमाऊ पूत कभी कोई सुना है क्या , चलो अब शांत हो जाओ , जादा पोस्ट मत डालो सूट बूट की टूरिस्ट कमाऊ विदेशी बनियों की दूकान सरकार पर ...... वरना हमारी खुपडि़या अगर घूम गई तो ..... हम फिर एक खतरनाक लेख लिख डालेंगें और ..... वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और रिलीज कर मारेंगें ..... फिर मत कहयो के बताई नहीं हती के मूरैना की कलेक्टर ग्वालियर रहती है, कबहूं फेान नहीं उठाती , मुरैना टूरिस्टों का अड्डा है, भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है ...... हियां सांसद से लेकर अफसर , कर्मचारी सब टूरिस्ट ही टूरिस्टूरिस्ट ही भरे पड़े हैं जनता मरे तो मरे .... अपनी बला से ..... इसलिये अब चुप्प हो जाओ ..... हमारा भेजा मत घुमाओ ...... वरना आलतू फालतू में ही किसी बनिये की दूकान लुट जायेगी यूं ही ख्वामख्वाह ही ...... टिचक्यूं - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

खुली नजर क्या खेल दिखेगा दुनिया का ..... बंद ऑंख से देख तमाशा दुनिया का

बुधवार, 13 मई 2015

मुरैना अपराध डायरी : हाय शरमाऊँ किस किस को बताऊँ अपनी प्रेम कहानियां , एक नादर्ज अपराध , कूटरचित फर्जी अटल ज्योति का

सच तो आखि‍र सच है, कब तक और कहॉं तक दबाया जायेगा, , और यूं ही खत्म नहीं हो गई हुकूमत और सल्तनत ए कांग्रेस
अटल ज्योति बनाम म.प्र. का कलंक , एक घोर व संगीन आपराधि‍क जुर्म, फर्जी योजना और उसमें हुये फर्जीवाड़े, मिथ्या घोषणा करने , मिथ्या व असत्य कृत्य अमूल्य व बहुमूल्य संपत्ति अर्जि‍त करने पर दर्ज हो सकती है शि‍वराज सिंह पर और भाजपा नेताओं सहित बिजली अधि‍कारीयो व अन्य सरकारी अफसरो पर एफ.आई.आर.
• अटल कटौती जो कि म.प्र. की जनता पर आफत का परकाला बन चुकी , पर कांग्रेस करती रही फर्जी नौटंकी व सतही दिखावा , वरना चाहती तो शि‍वराज सिंह चौहान सन 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही अपनी प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी सहित जेल में होते 
• धरना प्रदर्शनों और आंदोलनों के बजाय सीधे मैदान में उतरकर कांग्रेस को दर्ज करानी थी एफ.आई.आर. , मगर नहीं कराई , संदेह के घेरे में कांग्रेस के नेता वरना सन 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले सन 2008 में ही म.प्र. में सरकार बदल जाती
मुरैना अपराध डायरी – प्रथम किश्त
• नरेन्द्र सिंह तोमर ‘आनन्द’’ , एडवोकेट Gwalior Times   Worldwide News & Broadcasting Services                          www.gwaliortimes.in

इसमें तो खैर कोई शक ही नहीं तथाकथि‍त ‘’अटल ज्योति’’ नामक योजना पूरी तरह से सार्वजनिक रूप से बोला कहा गया एक सरासर सफेद झूठ , मिथ्या अवलंबन, मिथ्या साक्ष्य रचना, कूटरचना , जालसाजी , जनता के साथ छल एवं धोखाधड़ी कर जनता की अमूल्य व बहुमूल्य संपत्ति ( वोट) को हासिल करना, ‘’अटल ज्योति नामक योजना के कूटरचित दस्तावेज ‘’ तैयार करना, एक दिखावटी कार्यक्रम आयोजन कर जनता को छल कपट पूर्वक आपराधि‍क षडयंत्र रच कर बरगलाना , फुसलाना और उससे प्राप्त वोट का उपयोग करना तथा उससे सत्ता हासिल कर सत्तानशीं हो जाना ।
भारतीय दण्ड विधान ( आई.पी.सी.) के तहत ये सब कृत्य घोर व गंभीर प्रकृति के संगीन व गैर जमानतीय अपराध हैं , और जहॉं इनमें जमानत बमुश्कि‍ल होगी तो वहीं इनकी सजा आजीवन कारावास से कम किसी हाल में नहीं है ।
ऐसे किसी भी कार्य में किसी भी प्रकम पर , चाहे वह ऐसी कूटरचित फर्जी योजना की घोषणा कराने, बनाने या उसे जालसाजी कर लागू करने के दिखावटी या कृत्रिम सम्मेलन या कार्यक्रम या किसी आयोजन में उपस्थि‍त किसी भी व्यक्तिे को जो इस पूरे प्रकम पर कहीं भी दखल या मौजूदगी रखता हो , आई.पी.सी. की धारा 34 या 120 बी के तहत स्वयं ही मुल्जिम बन जाता है
25 नवंबर 2013 को शाम से ही मतदान के बाद से ही म.प्र. में बिजली का वितरण, संवितरण प्रभावित हो गया था और अटल ज्योति नामक योजना का कूटरचित व फर्जी होना एवं प्रदेश की जनता के साथ एक बड़ी जालसाजी होने का एक साक्षात साक्ष्य व सबूत बन गया था ।
लेकिन उसके बाद जो म.प्र. में बिजली ने कहर ढाया वह कहर आज तक नहीं थमा , अब तो म.प्र. का आलम यह है कि अघोषि‍त बिजली कटौती के साथ साथ घोषि‍त बिजली कटौती भी भरी भीषण गर्मी में बदस्तूर जारी है गांया कुल मिलाकर घटित अपराध आज दिनांक तक और इस वक्त तक बदस्तूर जारी है ।
इस सम्बंध में बेहद व्यापक , रोचक व मजेदार तथ्य यह है कि , महज दो साल के या पौने दो साल के अल्पकार्यकाल में ही म.प्र. के मुख्यमंत्री शि‍वराज सिंह चौहान ने दो बार तथाकथि‍त सी.एम. हेल्प लाइन की घोषणा कर डाली , एक बार एक मोबाइल नंबर जारी किया गया , दूसरी बार 181 के नाम से पुरानी हेल्पलाइन को खत्म कर नई हेल्पलाइन शुरू की गयी । सी.एम. हेल्पलाइन 181 वैसे तो लगती ही नहीं , अगर बार बार प्रयास करते रहें और लग भी जाये तो करीब 70 फीसदी शि‍कायतों को दर्ज करने से इंकार कर दिया जाता है । यदि भूले भटके कोई शि‍कायत दर्ज भी कर ली गई तो अव्वल तो वह कभी निराकृत की ही नहीं जायेगी , हमारी सूचना के अनुसार करीब 90 फीसदी दर्ज शि‍कायतें आज दिनांक तक अनिराकृत हैं ।
अब जरा शि‍कायतों के निराकरण पर या फर्जी सरकारी जवाबों पर भी गौर फरमाया जाये तो आईये पहले वह अपराध आपको बताते हैं जो सरकारी क्षेत्र के कर्मचारी या अफसर या सरकारी क्षेत्र की बिजली कंपनी के लोग करते हैं , और किसी शि‍कायत के निराकरण में सरासर झूठ व फर्जी , मिथ्या असत्य उत्तर देते हैं । पहली बात यह कि किसी लोकसेवक द्वारा ( भले ही महज टेलीफोन से, ई मेल से या एस.एम.एस. या अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यम द्वारा केवल मौखि‍क सूचना ही प्राप्त हुई हो)  सूचना या इत्तला का दर्ज न किया जाना घोर व संज्ञेय प्रकृति का गैर जमानती अपराध है , इस सम्बन्ध में आई.पी.सी. सहित , सूचना का अधि‍कार अधि‍नियम 2005 , एवं भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सन 2008 में दिया गया स्पष्ट प्रावधान वर्णिीत एवं उपलब्ध है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि ‘’ सूचना या इत्तला या एफ.आई.आर. दर्ज करने में असफल व्यक्ति को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर , जेल में भेजा जाये ‘’ कुल मिलाकर आपको हर हाल में किसी भी सूचना या इत्तला या एफ.आई.आर. को दर्ज करना ही होता है , चाहे आप उससे पूरी तरह से असहमत हों, और स्वयं उसे असत्य मानते हों । 
आई.पी.सी. में किसी सूचना का लोकसेवक को ( पुलिस को या ऊपर से कार्यवाही कर रहे इस प्रक्रम की कार्यवाही कर रहे विभाग या अधि‍कारी को) न देना , सूचना या जानकारी का लोप करना, इत्तला छिपाना , अपराध हैं और पुलिस द्वारा ऐसे मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज करना अनिवार्य है । इसी प्रकार किसी लोकसेवक द्वारा अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान गलत व भ्रामक इत्तला देना, असत्य सूचना देना, असत्य व मिथ्या जानकारी भेजना या देना , लोकसेवक का कर्तव्य निर्वहन करते हुये असत्य व अशुद्ध  लेखन या असत्य व अशुद्ध अंकन , असत्य कथन या बयान या घोषणा अपराध हैं व पुलिस द्वारा इस अपराध की भी एफ.आई.आर. दर्ज करनी अनिवार्य है । 
अपराध डायरी का यही अपराध जारी रहेगा मुरैना अपराध डायरी के अगले अंक में
इससे अगला अपराध–इसी डायरी में पढि़ये एक नादर्ज आपराधि‍क मामला, एक महाघोटाला और फर्जीवाड़ो का बाप महाफर्जीवाड़ा ......  और रातों रात शहर के बीचों बीच से गायब हो गई भारत सरकार की करोड़ों रूपये की इमारत, योजना और अमला सहित सैकड़ो महिलायें

शनिवार, 9 मई 2015

गुमशुदा की तलाश – मुरैना का टूरिस्ट सांसद लापता

गुमशुदा की तलाश – मुरैना का टूरिस्ट सांसद लापता
यह गुमशुदा और लापता आदमी मुरैना का टूरिस्ट सांसद अनूप मिश्रा है ।
यह हमारे यहॉं से लोकसभा चुनाव में हमारे वोट लेकर जीत कर कहीं  गुम हो गया है । हमारे मुरैना श्योपुर संसदीय क्षेत्र में असमय व भारी ओलावृष्ट‍ि व बेमौसम तेज आंधी बरसात ने 100 फीसदी खेती चौपट कर दी चम्बल में रोजाना इसके मामा अटल जी के नाम पर कलंक बनी अटल ज्योति 23 घंटे तक गुल रहती है । इसे न कभी मुरैना संसदीय क्षेत्र की चिन्ता हुई और न मुरैना की ।  ये गुमशुदा लापता व्यक्त‍ि जहॉं भी मिले कृपया इससे कहें और इसकी मेमोरी यदि चली गई हो तो इसे याद  दिलायें कि यह मुरैना का सांसद है और , मुरैना की जनता इसे चुनावों के बाद से लगातार खोज रही है । इसे यह अवश्य याद दिलायें कि म.प्र. की सी.एम. हेल्पलाइन सौ फीसदी फेल हो गई है और म.प्र. के मुख्यमंत्री की बात मुरैना जिला में सरकार का कोई कुत्ता भी नहीं सुनता ।
हम सी. एम हेल्पलाइन में दर्ज कंपलैंटों के कंपलैंट नंबर मय तारीख यहॉं दे रहे हैं , आप इसे यह कंपलैंट नंबर बता कर इससे कहें कि ....... लाकसभा में प्रश्न लगा कर कम से कम यह तो पूछ ले कि यह कंपलैंट नंबर आज दिनांक तक हल क्यों नहीं हुईं । यदि यह गुमशुदा आदमी काफी तलाशने पर न मिले या इसकी मेमोरी न लौटे तो भारतवर्ष के कृपया जो भी सांसद महोदय इन कंपलैंट नंबरों पर संसद में सवाल लगा कर अवश्य पूछें कि ये कंपलैंट किस कारण आज दिनांक तक पेंडिंग हैं ...... क्या भारत के संविधान से अनुच्छेद 14 समाप्त कर दिया गया है या ..... इमरजेन्सी लागू कर इस अनुच्छेद को निलंबित कर दिया गया है   ।
C. M. helpline मध्यप्रदेश
Pending complaint Numbers Unresolved till today. that time.
787019 Date 5 March 15
810530 Date 14 March 15
932306Dated 28 Aprli 15

शुक्रवार, 8 मई 2015

किसानों की बर्बादी पर हाईकोर्ट की दहाड़, कहा बहुत हो गया हवाई सर्वे और नौटंकी, लाओ पहले जमीन हकीकत बताओ, क्यों मरे किसान , कहॉं गया पैसा , भ्रष्टों में मची भगदड़

तोमर राजवंश द्वारा चंद रोज पहले जारी किया किसानों के नुकसान व मुआवजे एवं सहायता राहत आदि को लेकर लिखा गया अपील पत्र अंतत: काम आ गया , ग्वालियर के एडवोकेट उमेश बोहरा ने भारी दुखी और पीडाग्रस्त होकर अंतत: एक जनहित याचिका ग्वालियर चम्बल सम्भाग के किसानों की इस व्यथा के संबंध में माननीय हाईकोर्ट खण्डपीठ ग्वालियर के समक्ष दायर कर दी है और हाईकोर्ट ने भी इस पर सख्त रूख व सख्त तेवरो अंदाज के साथ , म.प्र. सरकार और म.प्र. के भ्रष्ट सरकारी तंत्र से सारा अगला पिछला जमीनी हिसाब किताब मांगा है , इसके अलावा सारे अगले पिछले हुये किसानों के नुकसान और उनको बंटे मुआवजे की पाई पाई का हिसाब , बैंक खातों की डिटेल्स और किसानों के बयान तलब करने के लिये सरकार को नोटिस जारी कर दिये हैं , मामला सी.बी.आई. जांच में जाने के संकेत मिले हैं , इसके साथ ही यह संकेत भी मिले हैं कि अकेले ग्वालियर चम्बल संभाग के करीब 5 - 6 हजार अफसर और कर्मचारी इस मामले में जेल जायेंगें - लीजिये पढि़ये पूरी खबर विस्तार से   www.gwaliortimes.in

बुधवार, 6 मई 2015

शहीद गजेन्द्र सिंह के परिवार को मुआवजा व सहायता * शहीद गजेन्द्र सिंह किसान सहायता योजना शुरू की दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने * गजेन्द्र सिंह के नाम पर दिल्ली में भव्य स्मारक बनेगा, देश भर के किसानों के लिये नियंत्रण कक्ष व टोल फ्री नंबर रहेगा

लोग है आते रहेंगें , जाते रहेंगें , कुछ लोग इतिहास ए मिसालें लिख गये कुछ लिखते रहेंगें , कुछ इंसान की तरह सिर उठा कर तो बाकी जानवरों की तरह सिर झुका चले जायेंगें
सवाल बन कर छा गया शहीद किसान गजेन्द्र सिंह , सारे देश के किसानों की उम्मीद और आस की अलख जगा गया ,
शहीद गजेन्द्र सिंह की स्मृति में भारत के किसानों को देश में पहली बार मिलेगी अभूतपूर्व सौगात दिल्ली में , दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से
• शहीद का दर्जा , शहीद गजेन्द्र सिंह के नाम से मिलेगा ताम्रपत्र * शहीद गजेन्द्र सिंह के परिवार को मुआवजा व सहायता * शहीद गजेन्द्र सिंह किसान सहायता योजना शुरू की दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने * गजेन्द्र सिंह के नाम पर दिल्ली में भव्य स्मारक बनेगा, देश भर के किसानों के लिये नियंत्रण कक्ष व टोल फ्री नंबर रहेगा
• नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’ ( एडवोकेट )
• Gwalior Times Worldwide News & Broadcasting Services www.gwaliortimes.in

दिल्ली में किसानों की समस्याओं , परेशानीयों और मजबूरियों के खि‍लाफ अपनी शहादत देकर आवाज उठा एक नई उम्मीद व आस की डोर देश भर के किसानों के हाथों में थमा गये , राजस्थान के शहीद किसान गजेन्द्र सिंह की शहादत अंतत: व्यर्थ नहीं गई और किसानों के लिये उम्मीद की एक नई किरन और एक नई सहायता व आशा जगा गई है ।
एक अलख जगा गया जो जीवन देने से पहले, वह अलख एक आस बन गई ।
लोग याद रखेंगें बरसों तक, लहू उसका जहॉं गिरा धरती वह गुलशन हो गई ।।
यूं तो फर्क क्या है इंसान और जानवर के दरम्यां , बस यही सिर उठा कर इंसान जीया करता है ।
जानवर जिन्दगी भर सिर झुकाये रहता है, किसी के फेंकें टुकड़ों पे जीवन जीया करता है ।।
उस फर्क को वह इंसान बता गया, जो सिर उठा कर आया और शान से सिर उठा कर चला गया ।
लोग हैं आते रहेंगें, इंसान होकर जानवर बन कर जीते रहेंगें, जाते रहेंगें जो फेंकें टुकड़े खा गया ।।
दिल्ली सरकार की गजेन्द्र सिंह किसान सहायता योजना – 8 मई को चेक बंटेंगें
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली प्रदेश के किसानों के लिये शहीद हुये राजस्थान के किसान गजेन्द्र सिंह के नाम पर गजेन्द्र सिंह किसान सहायता योजना शुरू की है, इस योजना के तहत किसानों के फसलों में असमय हुई ओलावृष्टिी एवं वारिश के कारण तबाही व नुकसान के एवज में किसानों को 20 हजार रूपये प्रति एकड़ तक की रकम देने की घोषणा की है , इस रकम के चेकों का वितरण 8 मई को दिल्ली में किया जायेगा । इसमें यह प्रावधान भी रखा गया है कि यदि किसी किसान का बहुत कम नुकसान भी हुआ है, तो भी उसे कम से कम हर हाल में 14 हजार रूपये प्रति एकड़ की सहायता राशि‍ केजरीवाल सरकार द्वारा दी जायेगी । इसके अलावा इसमें एक महत्वपूर्ण प्रावधान यह भी रखा गया है कि यदि किसी किसान को उसके नुकसान के आकलन पर या अन्य कोई आपत्ति या विवाद है तो ऐसा मसला किसान ही खुद सुलझायेंगें और फैसला सरकार के या अफसरों के हाथ में नहीं होगा । बल्किा उस किसान के खेत या उस किसान की निकटतम जो भी ग्रामसभा होगी , वह फैसला सुनायेगी और वही फैसला अंतिम होगा । इस योजना में यह प्रावधान भी नियत किया गया है कि इस योजना में किसी भी प्रकार की कोई सहायता ऐसे किसी कार्पोरेट समूह को नहीं मिलेगी जिसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमि या कृषि‍ भूमि दिल्ली प्रदेश मे हो , यह सहायता केवल किसानों को ही मिलेगी ।
शहीद किसान गजेन्द्र सिंह के परिवार को भी मुआवजा व सहायता
दिल्ली सरकार राजस्थान के शहीद किसान गजेन्द्र सिंह के परिवार को भी इस अवसर पर मुआवजा व आर्थिशक सहायता राशि‍ का चेक देने के साथ ही गजेन्द्र सिंह को शहीद घोषि‍त करने वाले ताम्रपत्र सहित , शहीद गजेन्द्र सिंह के परिजनों को दिल्ली प्रदेश का सम्मानीय अतिथि‍ का दर्जा देगी । इसके साथ ही अन्य सुविधायें , शहीद किसान गजेन्द्र सिंह के परिवा र को दी जायेंगीं । शहीद किसान के किसी भी आश्रित / परिजन / संतान को 18 वर्ष उम्र होने पर सरकारी नौकरी दी जायेगी, यदि उसकी उम्र इस समय 18 वर्ष से कम है तो उसकी आयु 18 वर्ष की होते ही उसे सरकारी नौकरी दे दी जायेगी ।
शहीद गजेन्द्र सिंह के और देश में जीवन गंवाने वो किसानों के नाम पर बनेगा दिल्ली में भव्य स्मारक व नियंत्रण कक्ष
शहीद किसान गजेन्द्र सिंह के और देश भर के किसानों के नाम पर जिन्होंने किसान समस्या पर अपना जीवन खोया है उनके नाम पर दिल्ली में एक भव्य स्मारक बनेगा और उसमें देश भर के किसानों के लिये एक नियंत्रण कक्ष बनेगा , जिसमें एक टोल फ्री नंबर भी हमेशा चालू रहेगा और देश का कोई भी किसान उस टोल फ्री नंबर पर , नियंत्रण कक्ष में अपनी समस्या या परेशानी बता सकेगा व शि‍कायत आदि दर्ज करा सकेगा जिससे उस पर तुरंत यथोचित कार्यवाही की जा सके , इसके अतिरिक्त उसे खेती से संबंधि‍त किसी भी प्रकार की समस्या या परेशानी होने पर इसी नियंत्रण कक्ष से सम्यक समाधान व सहायता प्राप्त हो सकेगी ।
इस भव्य शहीद गजेन्द्र सिंह किसान स्मारक में शहीद हुये किसान गजेन्द्र सिंह की एक भव्य प्रतिमा लगवाई जायेगी और लेख पटल में गजेन्द्र सिंह के बारे में और उसकी किसानों के लिये दी गई आहूति के बारे में वृत्तांत विवरण व किसान क्रान्ति‍ की अलख ज्योति जलाने वाला बलिदान वृत्तांत अंकित होगा । इसके अलावा देश भर में किसानों द्वारा दी गई आत्माहुतियों को भी श्रद्धानमन अंकित होगा


सोमवार, 4 मई 2015

नेपाल के लिये हो गया .... अब थोड़ा देश के लिये भी हो जाये

नेपाल के लिये हो गया .... अब थोड़ा देश के लिये भी हो जाये
संदर्भ / अपील / किसान / ओलावृष्टिै / 2015/5/13                                                                                                   दिनांक 4 मई 2015
एक विनम्र अपील
समस्त भारत भू भाग के निवासियों एवं विदेशों से
हम संपूर्णत: स्वतंत्र भारत ( महाभारत) के अंतिम व चक्रवर्ती क्षत्रिय राजपूत राजवंश के लोग आप सबसे विनम्र अपील करते हैं कि विगत माह में एवं उससे पूर्व लगातार विगत दस वर्ष से हमारे भारत के , विशेषकर हमारी चम्बलघाटी के किसान , खेत निरंतर प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त हैं , एक ज्ञात आंकड़े के अनुसार विगत 15 वर्ष में भारत में 3 लाख से ज्यादा किसान फसल , खेत, घर , कर्ज आदि जैसे नुकसानों से पीडि़त होकर आत्महत्यायें कर चुके हैं । अकेले म.प्र. में विगत दस वर्षों में इन प्राकृतिक आपदाओं से मरने एवं आत्महत्यायें करने वाले किसानों की संख्या 15 हजार से ज्यादा है । इस प्रकार से बर्बाद हुये हमारे किसानों को न तो कोई मुआवजा या राहत राशि‍ सरकार की ओर से और न ही किसी अन्य संस्था, संगठन या व्यक्तिो मात्र से आज तक मिली है ।
हमारे संपूर्ण चम्बल क्षेत्र में समस्त कृषि‍ भूमि में सारी फसलों का पूर्णत: ही 100 प्रतिशत नुकसान विगत माह हुई ओलावृष्टिन एवं बरसात के कारण हो गया है । और किसानों के पास खाने को भी एक दाना अनाज शेष नहीं बचा है, उनके भुखमरी में और कंगाली में होने के साथ ही ऊपर से उनकी बेटीयों व बेटों के विवाह भी , बच्चों की पढ़ाई लिखाई आदि शुल्क की व्यवस्था के अभाव में या तो पूरी तरह बंद हो गई है या उनके पिता माता निरंतर आत्महत्यायें कर रहें हैं ।
चूंकि भारत का विशेषकर म.प्र. का सरकारी अमला पूरी तरह भ्रष्ट एवं पत्थर दिल , रहमहीन बेरहम तंत्र के रूप में कार्यरत है । जो कि ए.सी. कमरों में बैठकर फर्जी व काल्पनिक खेत व किसान बर्बादी के आंकड़े गढ़ता रहता है और यदि भूले से कभी कोई किसानों को मिलने वाली राहत या मुआवजा राशि‍ आ भी जाये तो उसे हड़प कर स्वयं को सरसब्ज करता रहता है ।
आप सबने नेपाल के भूकंप पीडि़तों के लिये भारी उदारता व मानवता दिखाकर जो सहयोग किया है , वह हृदय से प्रशंसनीय और सराहनीय है एवं मानवता सदैव इसके प्रति कृतज्ञ रहेगी ।
हम आपसे विनम्र प्रार्थना एवं अपील करते हैं कि हम अपने चम्बल क्षेत्र में बर्बाद हुये , बदहाल किसानों को रोज भूख से मरते, दम तोड़ते , आत्महत्यायें करते देख रहे हैं , यह दुख हमारा असहनीय व वेदनापूर्ण है । अत: जैसी उदारता व मानवता व कृतज्ञता आप सभी ने नेपाल के भूकंप पीडि़तों के लिये दिखाई है , आपसे अनुरोध है कि कृपया उसका मात्र दसवां अंश मात्र सहयोग भी आप हमारे चम्बल के किसानों के लिये कर देंगें तो निसंदेह हमारे चम्बल क्षेत्र के किसानों का वर्तमान संकट हल हो जायेगा और उन्हें भी जीवन प्राप्त हो जायेगा और अगली खेती व फसल तक वे जीवित रह पायेंगें , बेटे बेटियों के विवाह कर सकेंगें , उनकी पढ़ाई लिखाई का शुल्कादि वे दे सकेंगें ।
अस्तु उपरोक्तानुसार अनुरोध है कि कृपया आप जो भी उचित समझें , चम्बल के किसानों के लिये सहायता राशि‍ का चेक/ बैंक पे आर्डर / मनी आर्डर या अन्य प्रकार के किसी माध्यम से हमें भेज दें । हम जिस किसान को आपकी पूरी राशि‍ प्रदान करेंगें , उसका पूरा नाम ब्यौरा , खेत खसरा खाता संख्यादि से आपको अवगत करा देंगें , जिससे आप जब चाहें तब उस किसान से संपर्क कर सकें । भारत का या म.प्र. का या चम्बल का सरकारी तंत्र भ्रष्ट एवं अविश्वसनीय है, अत: निवेदन है कि आप किसी भी किसान की सहायता हेतु सीघा संपर्क किसान से या या सीधे हमसे करें , और सहायता राशि‍ भी तदनुसार प्रदत्त करें या भेजें । विनम्र अनुरोध व हार्दिक अपील के साथ , विनम्रत: धन्यवाद ।
आपका अपना
नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनन्द’’



रविवार, 3 मई 2015

मुरैना के भ्रष्टों / निकम्मों / अपात्र अयोग्य के नाम ग्वालियर टाइम्स का खुला ऐलान , यदि बच के दिखाओ तो जानें

ऐ भ्रष्ट और महा कुत्ते चाहे बिजली काट के रख , चाहे हजार उपाय कर , श्री कृष्ण को रोकने के कंस ने हजार उपाय किये , मगर फिर भी हुआ वही जो होना था , बंदीगृह के द्वारा खुले और पहरेदार सोये, तेरा बाप भी उतर आये तो भी हमारे वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और वर्ल्डवाइड रिलीज नहीं रूक सकतीं , ले देख समूचे विश्व में प्रसारित हो चुकीं हैं , ये हमारा करारा झन्नाटेदार तमाचा तेरे मुँह पर .....  याद रखना राजपूत का एक हाथ सात स्वर्ग , सात पाताल सब नपा देता है ....   और हम नपा देंगें
मुरैना की पूरी रात और पूरे दिन चल रही बिजली कटौती के नाम और म.प्र. के मुख्यमंत्री की सी.एम. हैल्प लाइन के सौ फीसदी फेल हो जाने के उपलक्ष्य में आज यूनाइटेड नेशन्स द्वारा घोषि‍त  '' विश्व प्रेस आजादी दिवस '' के शुभ अवसर पर धुआंधार अंधाधुंध ''अटल ज्योति की अटल कटौती'' के नाम चम्बल प्रेस क्लब की ओर से विश्वस्तरीय ब्राडकास्ट व रिलीज ( हकीकत यह है और इसके पीछे कौन है , कुछ नाम बता दिये हैं , कुछ नाम आगे बतायेंगें, हालांकि मामला लोकायुक्त, आर्थ‍िक अपराध अन्वेषण ब्यूरो सहित , आपराधि‍क प्रकरण दर्ज कराने की दहलीज पर पहुँच चुका है ) इसके साथ ही इसमें कार्यवाही न करने / प्रकरण / एफ.आई.आर. दर्ज न करने की सूरत में सी.आर.पी.सी. सेक्शन 482 भी एक्सरसाइज करने की तैयारी की जा चुकी है , उल्लेखनीय है कि मुरैना जिला के पूर्व जिला शि‍क्षा अधि‍कारी हरीदास शर्मा के मामले में धारा 482 एक्सरसाइज की गई थी , जिसमें हरीदास शर्मा सहित करीब 80 लोगों के विरूद्ध एक ही एफ.आई.आर. में 46 अपराध दर्ज हुये थे । प्रकरण अपराध संख्या 663/02 दिनांक 20 सितम्बर 2002 है , इसके उपरांत इसी धारा की एक्सरसाइज मुरैना जिला में दर्ज हुये मुरैना कलेक्टर राधेश्याम जुलानिया द्वारा ( तत्कालीन ) दर्ज कराये गये फर्जी छात्रवृत्त‍ि के 42 मामलों में किया गया था , और हाईकोर्ट ने सारे मामले दोषगत व अवैध दर्ज पाकर सील करवा दिये थे । ग्वालियर टाइम्स मुरैना जिला में हुये बहुत बड़े बड़े और संगीन अपराधों , सरकारी गबनों और भ्रष्टाचार पर पर्दा उठाने के लिये एक नयी पर्दाफाश सीरीज शुरू करने जा रहा है ।
 इस सीरीज में आप मय सबूत जानेंगें और देखेंगें कि कवल अकेले मुरैना जिला में ही अरबों खरबों रूपये का सरकारी गबन भ्रष्टाचार और अंधेरगर्दी और फर्जीवाड़ा हुआ है  जिसमें चंबल कमिश्नर से लेकर प्रमुख सचिव तक स्तर तक के अधि‍कारी ही नहीं मुरैना के सांसद और विधायकों से लेकर अनेक मंत्री और नेता लिप्त हैं , इसमें बिजली विभाग सहित सिंचाई विभाग के भी बहुत तगड़े घोटाले और फर्जीवाड़े शामिल रहेंगें, यह सीरीज अगले हफ्ते से ग्वालियर टाइम्स पर शुरू होगी , अवश्य पढि़ये , फिलवक्त हमारे साथ मुरैना जिला की चल रही बदस्तूर बिजली कटौती का आनन्द लीजिये और यह गीत सुनिये  www.gwaliortimes.in    ;   http://www.facebook.com/TomarRajvansh/

शुक्रवार, 1 मई 2015

दिल्ली की किल्ली : क्यों गाड़ी महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर ने किल्ली , कैसे बने दिल्लीपति , क्यों कहा गया ‘’ दिल्ली फिर होगी तोमर की’’

दिल्ली की किल्ली : क्यों गाड़ी महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर ने किल्ली , कैसे बने दिल्लीपति , क्यों कहा गया ‘’ दिल्ली फिर होगी तोमर की’’
महाभारत सम्राट दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर की दिल्ली से चम्बल में ऐसाहगढ़ी तक की यात्रा और ग्वालियर में तोमरों का साम्राज्य- 4 
* पांडवों की तीन भारी ऐतिहासिक भूलें और बदल गया समूचे महाभारत का इतिहास * भारत नाम किसी भूखंड या देश का नहीं , एक राजकुल का है, जानिये क्यों कहते हैं तोमरों को भारत * ययाति और पुरू के वंशज चन्द्रवंशीय क्षत्रिय राजपूत ( पौरव - पांडव ) * दिल्ली की किल्ली का वजन , महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर की तलवार के ऐन बराबर
नरेन्द्र  सिंह तोमर ‘’आनंद’’ ( एडवोकेट )
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( गतांक से आगे भाग-4  ) पिछले अंक में दिल्ली की किल्ली का जिक्र आ चुका है, या कहिये कि ‘’दिल्ली की किल्ली’’ जिसे आज लौह स्तम्भ या भीमलाट कहा जाता है और आज के महरौली नामक स्थान पर कुतुब मीनार जिसे आजकल कहा जाता है , के निकट मौजूद व स्थापित है ( इस स्थान का नाम जबकि वंशावली एवं शास्त्रों एवं प्राप्त शि‍लालेखों एवं दिल्ली की किल्ली पर खुदे लेख के अनुसार अलग है, जिसका जिक्र हम आगे करेंगें, इसे जिसे कुतुब मीनार कहा जाता है,  उसका असल नाम विजय आरोह पूजन स्तंभ या श्री हरिपूजन व ध्वज पताका फहराने के लिये बनवाया गया एक समानांतर आरोही स्थल है , तोमर राजवंश की वंशावली में यह कीर्ति पताका ध्वज स्तंभ एवं श्री हरि दर्शन पूजन का आरोही स्थल के रूप में वर्णिवत है ।
आखि‍र क्यों गाड़ी गई दिल्ली में किल्ली
पांडव – चन्द्रवंशीय क्षत्रिय राजपूत – भारत – तोमर राजवंश द्वारा दिल्ली में किल्ली गाड़े जाने की पीछे अनेक वजह एक साथ सामने आती हैं , स्वयं दिल्ली की किल्ली अर्थात ‘’लौह स्तम्भ ‘’ पर उत्कीर्ण लेख , इंद्रप्रस्थ के किले व लालकोट परिसर में मिले शि‍लालेखों , समकालीन उसी वक्त लिखे गये विभि‍न्न व अन्यान्य ग्रंथों , जैसे पृथ्वीराज रासो और विबुध श्रीधर सहित तोमर राजवंश की वंशावली में ‘’दिल्ली की इस किल्ली ‘’ के गाड़े जाने की वजह और संपूर्ण वृत्तांत का ब्यौरा उपलब्ध है ।
आश्चर्य जनक एवं हैरत अंगेज विषय यह है कि अंग्रेजों ने भारत का पूरा 3 करोड़ 70 लाख वर्ष का इतिहास तो मिटाया सो मिटाया , सामने साक्षात खड़े इमारतों, किलों, भवनों और यहॉं तक कि दिल्ली की किल्ली का इतिहास भी पूरा का पूरा बदलने का प्रयास किया । अनेक फर्जी , औपन्यासिक व काल्पनिक राजाओं के नाम रच कर एक नया उपन्यास भारत का इतिहास के नाम से लिख डाला ।
दिल्ली में किल्ली गाड़े जाने के बारे में किल्ली पर लिखे लेख , और नजदीक स्थापित संस्कृत के अति प्राचीन शि‍लालेख और दिल्ली म्यूजियम में रखे इंद्रप्रस्थ किले व लालकोट परिसर सहित भारत के अन्य भागों से मिले अति प्राचीन शि‍लालेख तोमर राजवंश की वंशावली, विबुध श्रीधर और पृथ्वीराज रासो ग्रंथ में लिखी बातों की न केवल पुष्टि  करते हैं बल्किव सौ फीसदी प्रमाणि‍त भी करते हैं ।
दिल्ली की किल्ली गाड़ने की संक्षेप में यदि वजह व कारण वर्णित किया जाये तो निष्कर्षत: चंद बातें यहॉं टीका रूप में कहेंगें और अगले अंक में संस्कृत में लिखा शि‍लालेख का असल चित्र , उसका असल हिन्दी अनुवाद और बगल में लगाया गया उसी संस्कृत भाषा का ‘’फर्जी अंग्रेजी अनुवाद , यानि संस्कृत में कुछ और लिखा है तथा उसके अंग्रेजी अनुवाद में कुछ और लिखा है , आप स्वयं इन दोनों चित्रों को इस आलेख के अगले अंक में देखगें और संस्कृत के शि‍लालेख का असली हिन्दी अनुवाद भी यहॉं पढ़ेंगें, मजे की बात यह है कि इस संस्कृत शि‍लालेख का हिन्दी अनुवाद वहॉं पर न तो किया गया और न स्थापित किया गया , आप इस जालसाजी , कूटरचना व फर्जीकरण को स्वयं अपनी ऑंखों से यहॉं एकदम स्पष्टत: देखेंगें ।
दिल्ली की किल्ली का वजन , महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर की तलवार के बराबर
सप्त सिन्धुओं यानि सातों समुद्रों , सम्पूर्ण पृथ्वी , संपूर्ण पर्वतों के स्वामी चक्रवर्ती महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर में इतना बल था कि वे अकेले ही केवल एक हाथ से ही अपनी तलवार से पूरी की पूरी अहौक्षणी कोटि सेना को रोक देते थे, महापराक्रमी चन्द्र वंश का यह क्षत्रिय तोमर राजपूत राजा इतना तेजस्वी व महाबली था कि तोमर राजवंश के राजगुरू व्यास जी पराक्रमी चक्रवर्ती सम्राट इन्द्रप्रस्थ दरबार अनंगपाल सिंह तोमर के समक्ष पधारे , तोमर राजवंश में लहराती फहराती सनातन धर्म की धर्मध्वजा , पंचरंगी पताका और अनंगपाल सिंह तोमर का चक्रवर्ती साम्राज्य देख बहुत प्रसन्न हुये और लोक से परलोक तक तोमर राजवंश की लहराती फहराती विजय व धर्म पताका पर अपना हर्ष जताया और महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर के साम्राजय काल में कलयुग के निष्प्रभावी रहने व नियत स्थानों में सीमित रहने पर व्यास जी ने महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर से आशीर्वाद स्वरूप कुछ चर्चायें की, विचार विमर्श किया , और आने वाली भावी होनी , और भविष्य में होने वाली अनहोनी के प्रति सचेत किया,  व्यास जी ने कहा कि अब धर्म का धरा से विदा होने का वक्त आ चुका है, तोमर राजसत्ता का विश्व से साम्राज्य समाप्ति का वक्त आ चुका है ...... 
क्रमश: अगले अंक में जारी